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हाथ से बने मिट्टी के बर्तन, कपड़े और हस्तशिल्प... जयपुर में ‘संगम 2023’ में दिखी सांस्कृतिक विरासत की झलक

राजस्थान के जयपुर में मणिपाल यूनिवर्सिटी (manipal university) के स्टूडेंट्स ने‘संगम-2023’ का आयोजन किया. इस आयोजन का उद्देश्य राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत से युवा पीढ़ी को रूबरू कराना था. ‘संगम 2023’ में हाथ से बने मिट्टी के बर्तन, वस्त्रों के आलावा हस्त उद्योग की झलक देखने को मिली.

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'संगम 2023' में दिखी राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत की झलक.
'संगम 2023' में दिखी राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत की झलक.

भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक राजस्थान अपनी खूबसूरती और मेहमाननवाजी के लिए जाना-जाता है. यहां के ऐतिहासिक धरोहर दुनिया भर में मशहूर हैं, लेकिन आज की युवा पीढ़ी इससे अंजान होती जा रही है. ऐसे में जयपुर की मणिपाल यूनिवर्सिटी (manipal university) के स्टूडेंट्स ने अनूठी पहल करते हुए ‘संगम-2023’ का आयोजन किया.

इस आयोजन का उद्देश्य राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत से युवा पीढ़ी को रूबरू कराना था. यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स सांस्कृतिक विरासत के मूल्यों को बचाने के लिए एक मंच पर आए.

आयोजक मेहुल सिंघवी और कुंजिका नागपाल ने बताया कि आजकल पश्चिमीकरण की प्रवृत्ति से हमारी मूल संस्कृति पर असर हो गया है. वहीं ‘संगम 2023’ जैसे आयोजन ने हमें हमारी मूल संस्कृति के प्रति प्यार को फिर से जगाने का अवसर दिया है.

‘संगम 2023’ में हाथ से बने मिट्टी के बर्तन, वस्त्रों के आलावा हस्त उद्योग की झलक देखने को मिली. छात्र-छात्राओं ने स्टॉल लगाकर राजस्थान की कला और संस्कृति के प्रति लोगों को अट्रैक्ट किया. यहां की पारंपरिक कला में पिरोए गए हस्तशिल्प के जरिए स्टूडेंट्स ने अपनी क्रिएटिविटी को भी दिखाया.

 

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