इंडिगो एयरलाइंस के चल रहे संकट ने राजस्थान के पर्यटन उद्योग पर भारी असर डाल दिया है. दिसंबर के पीक पर्यटन सीजन में उड़ानें रद्द होने व फ्लाइट संचालन प्रभावित होने से पर्यटकों की संख्या घट गई है, जिसके कारण होटल व्यवसायियों, टूर ऑपरेटरों और स्थानीय गाइडों को बड़ा नुकसान हो रहा है. उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि यह समय राज्य की पर्यटन अर्थव्यवस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है.
10 दिसंबर से 5 जनवरी तक पीक सीजन
राजस्थान में शीतकालीन पर्यटन सीजन दो महीने पहले शुरू हुआ था और दिसंबर में ये पीक पर रहता है. 10 दिसंबर से 5 जनवरी के बीच क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों के कारण राजस्थान में सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं. लेकिन Indigo संकट के कारण इस साल स्थिति बिगड़ गई है.
बुकिंग हो रहे कैंसिल
जयपुर के टूर ऑपरेटर संजय कौशिक ने बताया कि इस बार फ्लाइट कैंसिलेशन ही समस्या नहीं है, बल्कि सबसे बड़ा झटका यह है कि जिन पर्यटकों ने क्रिसमस और न्यू ईयर के लिए पहले से बुकिंग कर ली थी, वे भी अपनी बुकिंग रद्द कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “लोगों में भ्रम और डर है कि अगर संकट जारी रहा तो उनका ट्रिप खराब हो जाएगा. इसलिए नई बुकिंग बंद हो गई हैं और पुरानी कैंसिल हो रही हैं.”
उदयपुर, जोधपुर, जयपुर पर ज्यादा असर
होटल उद्योग में भी चिंता का माहौल है. वीकेंड और शॉर्ट-स्टे के लिए कमरा बुक करने वाले ग्राहकों की कैंसिलेशन बढ़ गई हैं. स्थानीय ट्रांसपोर्ट सुविधा देने वाले और गाइडों के अनुसार, पिछले 15 दिनों में उनकी बुकिंग में भारी गिरावट आई है. Udaipur, Jodhpur और Jaipur जैसे प्रमुख पर्यटन शहरों में वैकल्पिक किराए बढ़ गए हैं, जिससे पर्यटक अपने ट्रिप रद्द कर रहे हैं.
उद्योग के जानकारों का कहना है कि कनेक्टिविटी पर्यटन की रीढ़ है. अगर फ्लाइट संकट जारी रहा तो इसका दीर्घकालिक असर खासकर छोटे टूर ऑपरेटरों पर पड़ेगा, जो पूरे साल सर्दियों के सीजन पर निर्भर रहते हैं. उदयपुर के गाइड गजेंद्र सिंह ने कहा कि उड़ानों के किराए बढ़ गए हैं, इसके साथ ही सड़क मार्ग पर वाहन भी नहीं मिल रहे, जिससे परेशानी और बढ़ गई है.
हालांकि, विभागीय अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि जब फ्लाइट संचालन सामान्य हो जाएगा, राज्य की पर्यटन अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौट आएगी. राज्य सरकार राजस्थान को वर्षभर पर्यटन का केंद्र बनाने का अभियान चला रही है, जिसके तहत कम-ज्ञात स्थलों को प्रमोट किया जा रहा है.
सितंबर से मार्च तक पर्यटन का सीजन
पर्यटन विभाग के अनुसार राजस्थान में सितंबर से मार्च तक पर्यटन चरम पर रहता है, जबकि गर्मी और मानसून में पर्यटकों की संख्या कम हो जाती है. लेकिन मानसून में बांस्वाड़ा डूंगरपुर (वागड़ क्षेत्र) की सुरम्य झीलें पर्यटकों को आकर्षित कर सकती हैं. विभाग अब कई नए स्थानों की पहचान कर रहा है जिन्हें गर्मी के समय भी प्रमोट किया जाएगा.
टूरिज्म विभाग के संयुक्त निदेशक दिलीप सिंह राठौड़ ने कहा कि राजस्थान अब खुद को वर्षभर पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित कर रहा है. उन्होंने कहा, “राजस्थान अपनी विरासत, रंग, लोक संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के लिए हमेशा पहचाना जाता रहा है, लेकिन पिछले एक साल में शुरू की गई योजनाओं ने राज्य की पर्यटन अर्थव्यवस्था को और मजबूत किया है.”
राज्य के पर्यटन क्षेत्र का योगदान प्रदेश की कुल अर्थव्यवस्था में 12% तक है, जो राष्ट्रीय औसत 5% से काफी अधिक है. वर्ष 2024 में राजस्थान में 23 करोड़ घरेलू तथा 20 लाख विदेशी पर्यटक पहुंचे. घरेलू पर्यटकों में 28.50% और विदेशी पर्यटकों में 21.92% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है.