बिग बॉस ओटीटी विनर एल्विश यादव की कार को कोटा में रोका गया. इसके बाद कोटा पुलिस ने एल्विश के संबंध में नोएडा पुलिस को जानकारी दी. बाद में नोएडा पुलिस के कहने पर एल्विश की गाड़ी को जाने दिया गया.
दरअसल, राजस्थान में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू है. ऐसे में पुलिस आने-जाने वाहनों की चेकिंग कर रही है. शनिवार को कोटा ग्रामीण पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक गाड़ी को रोका गया. इसमें एल्विश यादव भी मौजूद थे. पुलिस ने एल्विश के संबंध में नोएडा पुलिस से संपर्क किया. बताया गया है कि नोएडा पुलिस के कहने पर कोटा पुलिस ने एल्विश की गाड़ी को जाने दिया.
पुलिस ने बताई एल्विश को छोड़ने की वजह
कोटा ग्रामीण के सुकेत थाना अधिकारी विष्णु ने बताया कि विधानसभा चुनाव के चलते हुए रुटीन चेकिंग नाकाबंदी के दौरान पंजाब नंबर की गाड़ी को रोका गया था. उसमें तीन-चार लोग सवार थे. पूछताछ में एक ने अपना नाम एल्विश यादव बताया था. हमें पता चला कि एल्विश यादव का नोएडा में एक प्रकरण केस दर्ज है. नोएडा के संबंधित थाने डीसीपी और एसीपी से बातचीत की गई. उन्होंने बताया कि वह अभी वांटेड नहीं है, अभी जांच चल रही है, उसके बाद हमने उसको छोड़ दिया.
नोएडा पुलिस ने दर्ज की है एल्विश के खिलाफ FIR
बता दें कि फेमस यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी विनर एल्विश यादव मुश्किल में पड़ गए हैं. नोएडा पुलिस ने रेव पार्टी में सांप के जहर के इस्तेमाल को लेकर एफआईआर दर्ज की है. इसमें एल्विश का भी नाम है. ये पूरी कार्रवाई महज कुछ घंटों या एक दिन में नहीं हुई. एल्विश की मुश्किलों को बढ़ाने में उनका ही एक वीडियो विलेन बन गया.
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो में एल्विश सांप को गले में डाले दिखाई दे रहे हैं. अब इसको लेकर उन्होंने सफाई भी दी है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा कि यह म्यूजिक वीडियो का सीन है और 6 महीने पुराना है. हालांकि, उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया कि सीन फिल्माने के लिए इस बाबत कोई परमिशन ली गई थी या नहीं.

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कौन हैं गौरव गुप्ता, जिन्होंने दर्ज कराई FIR
संस्था का नाम है PFA (People for Animal). ये मेनका गांधी का एनजीओ है. एनजीओ ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था. इसके बाद एनिमल वेलफेयर ऑफिसर के पद पर कार्यरत गौरव गुप्ता ने नोएडा पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें एल्विश का भी नाम है.
बकौल गौरव नोएडा में इस तरह की गतिविधियों की सूचना मिल रही थी. ये भी पता चला था कि, यूट्यूबर एल्विश यादव नोएडा-एनसीआर के फार्म हाउसों में कुछ लोगों के साथ मिलकर स्नेक वेनम और जिंदा सांपों के साथ वीडियो शूट कराते हैं. इसके साथ ही गैर कानूनी रूप से रेव पार्टियों को आयोजित कराने की भी जानकारी मिली थी.
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इसके बाद एक मुखबिर ने एल्विश यादव से संपर्क किया. बात करने पर एल्विश ने राहुल नाम के एक एजेंट का नंबर दिया और कहा कि उनका नाम लेकर बात कर लो. इसके बाद मुखबिर ने राहुल से संपर्क करके पार्टी आयोजित करने के लिए बुलाया.
शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों और पुलिस को दी. दो नवंबर को आरोपी सेवरोन बैंक्वेट हॉल में सांप लेकर पहुंच गए. उसी दौरान वन विभाग की टीम ने पुलिस की मदद से आरोपितों को पकड़ लिया. पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनकी पहचान दिल्ली के राहुल, टीटूनाथ, जयकरन, नारायण और रविनाथ के रूप में हुई.
'मेरा इसमें कोई लेना देना नहीं है'
इस गिरफ्तारी के बाद एल्विश यादव की सफाई भी सामने आई. एक वीडियो पोस्ट कर कहा- मैं सुबह उठा. मैंने मीडिया में न्यूज देखी कि एल्विश यादव नशीले पदार्थ के बिजनेस में शामिल हैं. वो अरेस्ट हो गए हैं. मैं बता दूं कि मेरे खिलाफ जितने भी चीजें चल रही हैं. वो फेक हैं और मेरा इसमें कोई लेना देना नहीं है.