आज का दंगल बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर उठ रहे सवालों पर है. सवाल सियासी हैं, सवाल मजहबी हैं, सवाल सीएम पद की गरिमा का है, सवाल नारी सम्मान का है, सवाल सार्वजनिक जीवन के व्यवहार का है, मामला 3 दिन पहले का है. सीएम नीतीश अपने सचिवालय के संवाद कक्ष में नियुक्ति पत्र बांट रहे थे. बिहार में 1283 आयुष चिकित्सक भर्ती किये गए हैं उनमें से 10 लोगों को ज्वाइनिंग लेटर सीएम नीतीश खुद दे रहे थे. इसी दौरान डॉक्टर नुसरत को ज्वाइनिंग लेटर देते हुए नीतीश कुमार ने उनका नकाब खींच दिया. मौके पर तो सब कुछ सामान्य तौर पर गुजर गया. लेकिन वीडियो वायरल हो गया. कई लोगों को सीएम नीतीश का ये व्यवहार उचित नहीं लगा. इसमें नेताओं से लेकर धर्मगुरु तक और नारीवादी विचारकों से लेकर महिला सुरक्षा-सम्मान के चिंतकों तक ने तमाम सवाल उठाए.
आज का दंगल रोजगार के कानून पर चल रही सियासी जोर आजमाइश को लेकर है. 20 साल पहले बने मनरेगा कानून को मोदी सरकार खत्म करके नया जी-राम-जी कानून बना रही है. लोकसभा में आज ही ये बिल पारित होने वाला है. उससे पहले 6 घंटे की चर्चा रखी गई है. इस विधेयक पर चर्चा हंगामेदार होने की उम्मीद है क्योंकि विपक्ष पहले दिन से इस कानून में से महात्मा गांधी का नाम हटाने और राज्यों के सिर पर 40 फीसदी का बोझ डालने का विरोध कर रहा है. दरअसल अब रोजगार गारंटी कानून को लेकर सियासत बापू बनाम रामजी के नाम की हो चुकी है. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज से राम राज वाली फिलॉसफी वाले कानून को खत्म करके जय श्रीराम वाला जी राम जी कानून लाकर धार्मिक राजनीति का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.
आज देश की संसद में बापू के नाम पर दंगल मचा. केंद्र सरकार ने 20 साल पुराने रोजगार गारंटी के मनरेगा कानून की जगह नया कानून लाने की तैयारी की है. विकसित भारत-रोजगार गारंटी आजीविका मिशन ग्रामीण यानी वीबी-जी-राम-जी कानून. आज केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में ये बिल पेश किया तो विपक्ष ने हंगामा किया. देखें दंगल.
बीजेपी ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण नियुक्तियां की हैं जिसमें नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. यह पहला मौका है जब बिहार से युवा नेता को इस पद पर नियुक्त किया गया है. नितिन नबीन की उम्र चालीस पैंतालीस वर्ष है और वे बिहार से जुड़े हुए हैं. इस नियुक्ति को पार्टी में एक नए नेतृत्व युग की शुरुआत माना जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने नितिन नबीन का स्वागत और समर्थन किया है. इस कदम से बीजेपी के संगठन में एक नई ऊर्जा देखने को मिली है और आगामी चुनावों में बिहार समेत अन्य राज्यों में पार्टी की स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है. राजनीतिक विशेषज्ञ इस बदलाव को पार्टी की नई पीढ़ी को नेतृत्व सौंपने का संकेत मान रहे हैं.
यूपी में 2027 दंगल की तैयारी तेज हो गई है. इसी कड़ी में आज बीजेपी ने आज सबसे बड़ा कार्ड चल दिया. यूपी बीजेपी की कमान पंकज चौधरी को सौंपने जा रही है. 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी से ओबीसी वोट बैंक खिसक गया. उसी समाज के बेटे को बीजेपी यूपी बीजेपी अध्यक्ष का माला पहनाने जा रही है. अब सवाल ये कि क्या दांव ओबीसी की नाराजगी को दूर कर सकेगा या फिर ये बीजेपी संगठन के भीतर अदला-बदली बनकर रह जाएगा? देखें दंगल.
देश के 9 राज्यों समेत 11 प्रदेशों में एसआईआर चल रहा है. माना जा रहा है कि एसआईआर के डर से घुसपैठियों में दहशत का माहौल है. लेकिन घुसपैठियों को लेकर सबसे गरम सियासी माहौल उत्तर प्रदेश में है. आंकड़ों के हिसाब से पता चला है कि यूपी में करीब 84 लाख ऐसे वोटर हैं जिनका कहीं कुछ पता नहीं चल रहा है. सवाल है कि क्या यूपी में इतने बड़े पैमाने पर फर्जी वोटर मौजूद थे जिन्होंने 2024 में मतदान किया? देखें दंगल.
आज का दंगल संसद में चुनाव सुधार के मुद्दे पर चल रही चर्चा को है. BREAKING इस चर्चा में विपक्ष की ओर से राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने देश के संस्थानों पर कब्जा कर लिया है और इसी में चुनाव आयोग भी है, जो निष्पक्ष चुनाव नहीं करा रहा. राहुल गांधी ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से लेकर फर्जी वोटर लिस्ट तक और एसआईआर की मंशा से लेकर विपक्ष की शिकायतों की अनदेखी तक के तमाम आरोप लगाए हैं. इससे पहले विपक्षी दलों की ओर से एसआईआर की मौजूदा प्रक्रिया की संवैधानिकता को लेकर भी सवाल उठाए गए और इसे वोट काटने और एनआरसी लागू करने की कोशिश बताया गया. राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर नाकामी का आरोप लगाते हुए ये भी सवाल उठाया है कि बिहार में एसआईआर के बावजूद बिहार में एक लाख बीस हजार फर्जी वोटर मौजूद थे.
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन... श्रीमद भगवत गीता के इस श्लोक का मतलब है कि कर्म करो, परिणाम की चिंता मत करो. लेकिन आज पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में जो कुछ हुआ, उसमें कर्म भी है और फल की चिंता भी. बेशक ब्रिगेड परेड ग्राउंड में गीता का सामूहिक पाठ किया गया. दावा किया गया कि पांच लाख लोगों ने एक साथ गीता के श्लोकों का पाठ किया. इस कार्यक्रम में साधु-संत से लेकर बीजेपी के नेता शामिल हुए. लेकिन इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने अगले साल होने वाले बंगाल चुनाव में सियासी दंगल का प्लॉट तैयार कर दिया है. एक दिन पहले ही यानी शनिवार को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की ईंट रखी गई तो आज मंत्रों की लय में डूब गया पूरा ब्रिगेड मैदान.
ममता बनर्जी की पार्टी से निष्कासित विधायक हुमायूं कबीर ने आज मुर्शिदाबाद के बेलडांगा की मिट्टी में बाबरी के नाम की मस्जिद की आधारशिला रख दी. बेलडांगा में रखी गई यह नींव ईंट से ज्यादा राजनीति की परतें जोड़ रही है. सबसे बड़ा सवाल कि क्या बंगाल में बाबरी के नाम की मस्जिद 2026 के विधानसभा चुनाव का रुख मोड़ देगा? क्या बंगाल में इसके जरिए वोट बैंक की राजनीति का कार्ड चला गया है? देखें दंगल.
आज का दंगल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा को लेकर है. पीएम मोदी और पुतिन के बीच हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बातचीत हुई. दोनों देशों के बीच अलग-अलग सात समझौतों के दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया. भारत और रूस के लिहाज से पुतिन का ये दौरा कैसा रहा, किसे क्या मिला? क्षेत्रीय शक्ति संतुलन से लेकर वैश्विक शक्ति संतुलन पर इसका आगे क्या असर होगा? इन तमाम मुद्दों पर देखें 'दंगल.
चार साल के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आ रहे हैं. अब से थोड़ी देर बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन का विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरने वाला है. भारत-रूस की दोस्ती के नये चैप्टर में 25 साल की गरमाहट लिये हिंदुस्तान पुतिन का इंतजार कर रहा है. भारत-रूस 23वें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन भारत के साथ क्या समझौते करने वाले हैं, ये कल पता चलेगा. लेकिन भारत और रूस के बीच डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, न्यूक्लियर पावर और स्पेस टेक्नोलॉजी से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेस के क्षेत्र में कुछ बड़े समझौते होने के आसार हैं.
गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण और जवाहरलाल नेहरू की इस मामले में भूमिका पर कई गंभी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाना चाहते थे, वह भी जनता के पैसे से, लेकिन तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल ने नेहरू की इस योजना को सफल नहीं होने दिया. इस बयान के बाद अब इस मामले पर सियासत भी तेज हो गई है. देखें बहस 'दंगल' में.
आज का दंगल संसद में चल रहे पक्ष-विपक्ष के बीच राजनीतिक जोर आजमाइश को लेकर है. दरअसल संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन था. आज भी संसद में विपक्षी दलों ने अंदर से बाहर तक विरोध प्रदर्शन किया. विपक्ष की मांग थी कि सरकार एसआईआर और वोटचोरी के मुद्दे पर चर्चा कराए. हालांकि सरकार ने साफ कर दिया था कि वो सिर्फ SIR तो नहीं लेकिन व्यापक चुनाव सुधार के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया है कि अगले मंगलवार यानी 9 दिसंबर को चुनाव सुधारों के मुद्दे पर 10 घंटे की चर्चा संसद में होगी. उससे पहले 8 दिसंबर को वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर चर्चा होगी.
आज का दंगल संसद के शीतकालीन सत्र में चल रही राजनीति को लेकर है. संसद का शीतकालीन सत्र आज से 19 दिसंबर तक चलेगा. पहले ही दिन से एसआईआर और वोट चोरी के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष आमने सामने है. संसद के दोनों सदनों में मुद्दा जोर शोर से उठा है. हालांकि सत्र की शुरुआत में पीएम मोदी ने विपक्ष के सियासी मुद्दों को ड्रामा करार देते हुए संसद में सकारात्मक सियासत की सीख दी है. पीएम मोदी ने कहा कि बिहार की हार से सबक नहीं लेने वालों को अगर 10 साल तक की रणनीतिक चूक समझ नहीं आ रही तो पीएम मोदी उन्हें टिप्स देने को तैयार हैं.
वंदे मातरम गीत जो स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है, वर्तमान में राजनीति के केंद्र में है. जमीयत उलेमा हिंद के महमूद मदनी के बयान से विवाद बढ़ा है. बीजेपी ने उनके बयान को भड़काऊ बताया है. संसद सत्र में वंदे मातरम पर चर्चा हो सकती है. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि इस गीत को लेकर अलग-अलग राय रख रहे हैं कि क्या इसे धार्मिक या राजनीतिक नजरिये से देखा जाना चाहिए. देखें दंगल.
1 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. सिर्फ 19 दिन का सत्र है. सरकार के 10 बिल तैयार हैं, उनका एजेंडा क्लियर है. कांग्रेस इन दिनों तमाम परेशानियों में घिरी है. एक परेशानी बिहार की हार की है जिसके बाद पार्टी के अंदर से लेकर गठबंधन तक के नेतृत्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दूसरी परेशानी कर्नाटक की है जहां सीएम पद की कलह में जोर-आजमाइश चल रही है. तीसरी परेशानी इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों की ओर से है. जो कहते हैं कि कांग्रेस की जगह गठबंधन का नेतृत्व दूसरे को करना चाहिए. कांग्रेस के सामने ये सारी चुनौतियां सिर्फ इस वजह से हैं क्योंकि कांग्रेस एक के बाद एक लगातार चुनावी हार झेल रही है.
आज का दंगल बिहार में नई सरकार के योगी मॉडल पर है. क्योंकि बिहार में जब से बीजेपी के हाथ गृह मंत्रालय लगा है. तब से बिहार सरकार के कामकाज और तेवर में बड़ा बदलाव दिख रहा है. और हकीकत की जमीन पर वो बदलाव फिलहाल बुलडोजर की शक्ल में नजर आया है. बिहार के शहर शहर बुलडोजर दौड़ने लगे हैं. बिहार में सड़क किनारे अतिक्रमण से लेकर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे तक पर आधा दर्जन शहरों में बुलडोजर कार्रवाई की गई है.
ममता बनर्जी ने आज केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि हड़बड़ी में SIR कराकर बीजेपी लोकतंत्र के खिलाफ काम कर रही है. बीएलओ को धमकाया जा रहा है. देश भर में बीएलओ अपनी जान दे रहे हैं. ममता बनर्जी ने कल कहा था कि बीजेपी ने अगर बंगाल में उन्हें परेशान किया तो देश हिला दूंगी. अब ममता बनर्जी ने भविष्यवाणी की है कि केंद्र की सरकार 2029 से पहले गिर जाएगी.
अयोध्या में आज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण सम्पन्न हो गया. पीएम मोदी, सीएम योगी और संघ प्रमुख की मौजूदगी में 22 फीट लंबा ध्वज श्रीराम मंदिर के शिखर पर स्थापित कर दिया गया. इस मौके को पीएम मोदी ने राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना का उत्कर्ष काल कहा. पीएम मोदी ने कहा कि सदियों की वेदना आज विराम पा रही है और अब राम से राष्ट्र की ओर विकसित भारत के लक्ष्य के साथ चलना है.
देश और दुनिया भर के सिनेमा प्रेमियों की यादों में एक ऐसा सितारा चमक रहा है जो अब इस दुनिया में नहीं रहा. धर्मेंद्र अब नहीं रहे. आज विले पार्ले में उनका पार्थिव शरीर पंचतत्वों में विलीन हो गया. धर्मेंद्र हमारे बीच नहीं रहे लेकिन आज उनकी यादों की बारात निकल रही है. लुधियाना के जट्ट से सिनेमा के ही-मैन तक धर्मेंद्र ने अपने जीवन में जो भी वक्त सार्वजनिक जीवन में गुजारे, उसमें उनकी शख्सियत का एक सबसे बड़ा पहलू उभर कर आता है कि धर्मेंद्र को सबने सच्चा, ईमानदार, नेक और मददगार इंसान के तौर पर देखा है.
बिहार में मंंत्रालयों का बंटवारा होता है और उसी दिन से सबसे बड़ी बहस भी शुरू हो जाती है कि क्या बिहार में अब बीजेपी ही एनडीए में बड़े भाई की भूमिका में आ गई है. सवाल इसलिए क्योंकि नीतीश कुमार के पास पहली बार गृह विभाग नहीं है और बीजेपी के सम्राट चौधरी के पास इसकी जिम्मेदारी आ गई है. 2005 से लेकर 2025 तक गृह विभाग नीतीश के पास ही था। विपक्ष ने भी सवाल उठा दिया है कि नीतीश अब सिर्फ नाम के लिए ही मुख्यमंत्री रह गए हैं. देखें दंगल.