बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की लव स्टोरी और उनकी पार्टी से बर्खास्तगी ने सियासी माहौल को गर्मा दिया है. बिहार के पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव की सोशल मीडिया पोस्ट, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव के साथ 12 साल पुराने प्रेम संबंध का खुलासा किया, और उसके बाद उनके पिता लालू यादव द्वारा पार्टी और परिवार से निष्कासन ने बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. दरअसल, यह घटना न केवल लालू परिवार की आंतरिक कलह को उजागर करती है, बल्कि इसका बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव पर भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है.
तेजप्रताप की शादी , डिवोर्स का मुकदमा और लव स्टोरी
तेजप्रताप यादव, लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, हमेशा ही अपनी अप्रत्याशित और विवादास्पद हरकतों के लिए चर्चा में रहे हैं. तेज प्रताप की हरकतों से कई बार पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है. 24 मई 2025 को उनके सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव नाम की एक युवती के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए 12 साल पुराने प्रेम संबंध का खुलासा किया. सामान्य तौर पर कोई भी शख्स जिसका जिसकी अपनी पत्नी के साथ तलाक का मुकदमा चल रहा हो यह सब नहीं करता. दरअसल, तेजप्रताप पहले से ही विवाहित हैं और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा है. जाहिर है बवाल तो होना ही था. इस पोस्ट के बाद तेजप्रताप ने दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था, लेकिन इस सफाई से डैमेज कंट्रोल नहीं हो सका.
लालू यादव घुटे हुए राजनीतिज्ञ हैं. उन्हें पता है कि ऐसे मामलों पर क्या करना होता है. वो जानते थे कि इस मामले को बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों में भुनाने को तैयार बैठी है. 25 मई को लालू प्रसाद यादव ने सख्त कदम उठाते हुए तेजप्रताप को आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया और उन्हें परिवार से भी अलग करने की घोषणा कर दी. लालू ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि तेजप्रताप की गतिविधियां नैतिक मूल्यों की अवहेलना करती हैं और सामाजिक न्याय के लिए पार्टी के संघर्ष को कमजोर करती हैं. लालू के इस फैसले के बाद बिहार में राजनीतिक तूफान आ गया. लालू परिवार की एकता पर सवाल उठने लगे. पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने मौका देखकर लालू यादव से अपनी पुरानी दुश्मनी का बदला लेने के लिए तेजप्रताप का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने सच स्वीकार करके परिवार को धोखा नहीं दिया और लालू परिवार को इस सच को स्वीकार करना चाहिए. दूसरी ओर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लालू परिवार की आलोचना करते हुए कहा कि अगर अनुष्का के साथ इतने साल से तेजप्रताप रिश्ते में थे, तो उन्हें ऐश्वर्या राय की जिंदगी बर्बाद करने का हक नहीं था.
1-लालू-राबड़ी ऐश्वर्या राय की जिंदगी बर्बाद करने के आरोपों से बच नहीं पाएंगे
बिहार में यह सवाल उठना तय है कि जब पहले से ही तेजप्रताप यादव कहीं और शादी करना चाहते थे, फिर लालू-राबड़ी ने उनकी शादी कहीं और क्यों कराई? सवाल यह भी उठेगा कि जब ऐश्वर्या राय ने राबड़ी और तेज प्रताप पर मारपीट के आरोप लगाए और वह आधी रात को सड़क पर रो रही थीं तब लालू की नैतिकता कहां थी. जाहिर है बिहार के लोग तेज प्रताप की शादी को जबरन कराने और अब उन्हें निष्कासित करने के फैसले को पाखंड के रूप में देखेंगे.
हालांकि लालू परिवार के अंदर उनके उत्तराधिकार को लेकर बहुत उठापटक चलती रही है. तेजस्वी को जबसे आरजेडी की कमान मिल गई है तब से परिवार में अंतर्कलह कुछ ज्यादा ही है. कुछ बिहारवासियों, खासकर विपक्ष समर्थकों और सामान्य जनता में, लालू यादव के इस फैसले को तेजस्वी यादव को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य चेहरा बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. तमाम लोगों का मानना है कि तेज प्रताप को तेजस्वी के कारण खेल से बाहर किया गया है.
2- ऐश्वर्या राय और महिला सम्मान का मुद्दा
जाहिर है कि ऐसे विवादों में जनता की सहानुभूति ऐश्वर्या के साथ ही जाएगी. सोशल मीडिया पर बिहार महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं में ऐश्वर्या राय के लिए लोग कलम चला रहे हैं. उनकी शादी के दौरान कथित दुर्व्यवहार और अब तेज प्रताप की नई रिलेशनशिप की घोषणा ने कई लोगों बहुत गुस्से में हैं. सोशल मीडिया में इसे महिला विरोधी रवैये के रूप में देखा जा रहा है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि लालू परिवार ने इस मामले में चुप्पी क्यों साधी थी.
JDU और BJP ने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में लग भी चुके हैं. JDU प्रवक्ता राजीव रंजन ने लालू यादव पर लोगों को मूर्ख बनाने का आरोप लगाया, जबकि BJP नेता शाहनवाज हुसैन ने तेज प्रताप के व्यवहार को जंगलराज की याद दिलाने वाला करार दिया.
3-तेजस्वी यादव की छवि पर असर
सबसे अधिक परेशानी तेजप्रताप यादव के छोटे भाई तेजस्वी यादव को होने वाली है. तेजस्वी यादव विपक्ष की ओर सीएम पद के दावेदार हैं. इसके साथ ही आरजेडी के मुख्य चेहरा और बिहार में इंडिया गठबंधन के नेतृत्वकर्ता हैं. इसलिए इस विवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित वहीं होंगे. तेजस्वी ने तेजप्रताप की बर्खास्तगी पर कहा कि ये सब चीजें हम बर्दाश्त नहीं करते. जिससे उन्होंने अपनी सख्त छवि बनाने की कोशिश की. तेजस्वी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में युवा और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर जोर देकर अपनी स्थिति मजबूत की थी, लेकिन इस विवाद ने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं.
लेकिन तेजस्वी के लिए सबसे मुश्किल यह है कि स्थानीय लोगों में यह बात फैलती जा रही है कि तेजप्रताप यादव को किनारे लगाने के लिए यह सब किया गया है. आम लोगों में अगर ये संदेश जाता है कि लालू परिवार में एकता नहीं रह गयी तो ये पार्टी के लिए सबसे खतरनाक साबित होगा. कहा यह तक जा रहा है कि तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच पूरा परिवार दो खेमों में बंट गया है.
4. कानूनी और नैतिक चुनौतियां
तलाक के मुकदमे में पूरा परिवार परेशान होता है. तेज प्रताप और ऐश्वर्या के तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा है, और उनकी हालिया पोस्ट से यह साबित हो सकता है कि उन्होंने विवाह के दौरान दूसरा रिश्ता रखा, जो हिंदू मैरिज एक्ट के तहत अपराध की श्रेणी में आ सकता है. इससे उनकी विधायकी खतरे में पड़ सकती है, और लालू परिवार को कोर्ट में जवाब देना पड़ सकता है. लालू ने तेज प्रताप को नैतिक मूल्यों की अवहेलना का हवाला देकर निष्कासित किया, लेकिन विपक्ष यह सवाल उठा रहा है कि जब ऐश्वर्या ने राबड़ी और तेज प्रताप पर मारपीट के आरोप लगाए थे, तब लालू ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की.
तेजप्रताप की लव स्टोरी और उनकी शादीशुदा जिंदगी के बीच इस विवाद ने पारंपरिक मूल्यों को महत्व देने वाले मतदाताओं को नाराज किया है. खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां नैतिकता और परिवार की प्रतिष्ठा को लेकर संवेदनशीलता ज्यादा है.