दुर्गापुर रेप के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर बवाल मच गया है. उन्होंने पीडि़ता पर ही सवाल उठा दिया है कि 'आखिर वो रात साढ़े 12 बजे बाहर क्या कर रही थी.' और, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. देश, काल और परिस्थिति जैसी भी हो, रेप के मामलों में ममता बनर्जी बनर्जी का रुख अक्सर ही विवादों में देखा गया है.
ममता बनर्जी का कहना है, लड़कियों को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए. एक महिला मुख्यमंत्री के मुंह से ऐसी बातें सुनकर हर कोई हैरान है. सिर्फ विपक्ष नहीं. ममता बनर्जी ने अपने दुर्गापुर रेप केस में अपने बयान पर सफाई भी दी है. लेकिन, पूरा विपक्ष कड़ा विरोध जता रहा है.
चाहे वो आरजी कर रेप मर्डर केस हो, संदेशखाली का मामला हो या नादिया की घटना, ममता बनर्जी का बयान, एक्शन और स्टैंड सवालों के घेरे में ही रहा है - आरजी कर केस में तो ममता बनर्जी ने अपना अलग विरोध प्रदर्शन भी किया था, और विपक्ष के खिलाफ आक्रामक हो गई थीं.
ममता बनर्जी का रुख दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित की याद दिला देता है, और सवाल भी वही है आखिर पीड़ित पर ही क्यों सवाल उठा दिए जाते हैं? कम से कम किसी महिला मुख्यमंत्री से तो ऐसी अपेक्षा किसी को नहीं होती होगी.
ममता बनर्जी का बयान, और फिर सफाई
दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज की सेकंड ईयर की एक छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ है. छात्रा ओडिशा की रहने वाली है. वो अपने एक मित्र के साथ डिनर के लिए हॉस्टल से बाहर निकली थी. पुलिस ने सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस छात्रा के मित्र को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
आरोप है कि छात्रा का मित्र मौके से भाग गया था. छात्रा के पिता के अनुसार, कुछ लोगों ने दोनों का पीछा किया, और हमला कर दिया. छात्रा को अगवा किया, और रेप किया. पिता ने छात्रा के मित्र पर भी अपराध में शामिल होने का शक जताया है. पिता का पीड़ित बेटी की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित है. पिता का कहना है, वो बोलती रहती है कि उसे मर जाना चाहिए... मैं डरता हूं कि वह खुद को नुकसान पहुंचा न ले... मैं चाहता हूं उसे तुरंत भुवनेश्वर या किसी सेफ जगह ले जाया जाए.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना को लेकर कहा कि हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं, खासतौर से पश्चिम बंगाल से बाहर की छात्राओं को हॉस्टल के नियमों का पालन करना चाहिए और देर रात को बाहर नहीं निकलना चाहिए. मीडिया से बातचीत में ममता बनर्जी ने कहा, वो लड़की निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही थी... निजी मेडिकल कॉलेज की जिम्मेदारी है... वो रात के 12.30 बजे कैसे बाहर आ गई? जहां तक मुझे पता है ये घटना जंगल वाले क्षेत्र में हुई है... मुझे नहीं पता वहां क्या हुआ?
ममता बनर्जी के बयान का चौतरफा विरोध होने लगा, तो न्यूज एजेंसी से सफाई भी दी है, मीडिया ने मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया... आप मुझसे सवाल पूछते हैं, मैं उसका जवाब देती हूं... और फिर आप उसे तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं... ऐसी राजनीति मत कीजिए.
पश्चिम बंगाल में रेप की घटनाएं, और ममता बनर्जी का स्टैंड
1. जून, 2025 की कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंग रेप केस में ममता बनर्जी तो नहीं, लेकिन उनके साथी नेताओं का भी वैसा ही रुख देखा गया. तब टीएमसी नेता मदन मित्रा का कहना था कि लड़कियों को कॉलेज बंद होने पर नहीं जाने की सलाह दी थी. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा था, अगर कोई दोस्त ही अपने दोस्त के साथ बलात्कार करता है, तो सरकार या पुलिस हर जगह सुरक्षा नहीं दे सकती.
2. अगस्त, 2024 के आरजी कर केस के बाद जब विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इंसाफ की मांग के साथ विरोध मार्च का नेतृत्व किया था. तब ये भी खबर आई थी कि इस मुद्दे पर ममता बनर्जी का उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी से मतभेद भी हो गया था.
3. फरवरी, 2024 के संदेशखाली रेप केस को ममता बनर्जी ने मामूली घटना बताया था. ममता बनर्जी ने बीजेपी और मीडिया पर फर्जी खबरे फैलाने का आरोप लगाया था. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि शिकायतें बीजेपी से पैसे लेकर की जा रही हैं.
4. अप्रैल, 2022 में दक्षिण बंगाल के नादिया जिले में एक नाबालिग की बर्थडे पार्टी अटेंड करने के बाद मौत हो गई थी. परिवार के लोगों का आरोप था कि बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया किया था. मामले में मुख्य आरोपी तृणमूल कांग्रेस का स्थानीय नेता को गिरफ्तार कर लिया गया है.
तब ममता बनर्जी ने कहा था, आप मुझे बताइए अगर किसी की 5 तारीख को मौत होती है. कुछ सवाल और शिकायतें हैं, तो उसी दिन शिकायत दर्ज क्यों न कराई जाए? ममता बनर्जी के सवालिया लहजे पर लोगों ने तीखा विरोध जताया था.
आरजी कर केस में लगा था पुलिस अधिकारियों को बचाने का आरोप
जनवरी, 2025 में जब आरजी कर मेडिकल रेप और हत्या केस में कलकाता ही नहीं, पूरे देश में बवाल मचा था. ममता बनर्जी पर आरोप लगा था कि उन्होंने मामले की जांच में ढील बरतने वाले पुलिस कमिश्नर को बचाने की कोशिश की. डॉक्टर मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की बात करते रहे, जबकि ममता बनर्जी आनाकानी करती रहीं. जब आरोपी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, तो बनर्जी ने हैरानी जताई थी. ममता बनर्जी का कहना था, ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है, जिसमें फांसी होनी चाहिए... कोलकाता पुलिस जांच करती तो फांसी हो जाती, लेकिन केस सीबीआई को सौंप दिया गया.