इंदौर से शादी के बाद हनीमून मनाने मेघालय पहुंचे सोनम और राजा रघुवंशी के अचानक लापता होने की खबर ने पुलिस को हिला दिया था. दुर्गम इलाकों में टीमें भेजी गई, सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, लेकिन हाथ कुछ नहीं लग रहा था. सब कुछ जैसे अंधेरे में तीर चलाने जैसा था. पुलिस कड़ी पर कड़ी जोड़ रही थी लेकिन किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था. तभी इस केस में एंट्री होती है स्थानीय गाइड अल्बर्ट पीडी की. जिसकी एक जानकारी ने पुलिस को उस सुराग तक पहुंचाया जिसने सोनम रघुवंशी की बेवफाई और राजा की हत्या के पूरे षड्यंत्र से परदा हटा दिया.
हिंदी समझ में नहीं आती थी, पर शक हो गया था
अल्बर्ट पीडी नामक गाइड ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 22 मई को सोनम और राजा के साथ तीन पुरुषों को देखा था, जो नोंग्रियाट से मावलखियाट की ओर 3,000 से अधिक सीढ़ियां चढ़ते हुए जा रहे थे. गाइड के अनुसार, राजा सहित चार पुरुष आगे चल रहे थे और एक महिला (सोनम) पीछे थी. वे सभी हिंदी में बातचीत कर रहे थे. अल्बर्ट ने यह भी बताया कि वह हिंदी अच्छे से नहीं समझते, लेकिन इतना जरूर महसूस किया कि कुछ ठीक नहीं है. उन्होंने पुलिस को इस संदर्भ में तुरंत अलर्ट किया. इससे पहले सोनम ने अल्बर्ट का साथ छोड़ दिया था और भावानसाई नामक गाइड को साथ लिया, जो उन्हें शिपारा होमस्टे तक छोड़ आया था. मेघालय पुलिस ने इस केस को 'ऑपरेशन हनीमून' का नाम दिया. इस ऑपरेशन में कुल 120 पुलिसकर्मी लगाए गए.
फोटो न डालने पर भी आया शक
राजा रघुवंशी की हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को सोनम की तरफ शक की सुई उस वक्त भी घूमी जब पुलिस ने गौर किया कि हनीमून पर गई सोनम ने सोशल मीडिया पर एक भी फोटो पोस्ट नहीं की है. जो इस नवविवाहित जोड़े के लिए असामान्य बात थी. पुलिस के मुताबिक अधिकांश कपल्स अपने हनीमून ट्रिप की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हैं. लेकिन सोनम और राजा की किसी भी जगह से एक भी तस्वीर सामने नहीं आई. गाइड से क्लू मिलने के बाद यही पहली बात थी जिसने जांच टीम को चौंकाया और शक की नींव रखी.
मर्डर के बाद राजा के अकाउंट से भावुक पोस्ट
इससे भी बड़ी बात यह थी कि 23 मई को दोपहर करीब 2:15 बजे, राजा के सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली गई जिसमें लिखा था कि सात जन्मों का साथ है. यह पोस्ट उस वक्त डाली गई जब राजा की हत्या हो चुकी थी. पुलिस का मानना है कि सोनम ने ही यह पोस्ट डालकर जांच को भटकाने की कोशिश की, ताकि ऐसा लगे कि राजा जीवित है और सब कुछ सामान्य है.
हत्या के 10 किलोमीटर दूर सोनम दिखी आरोपियों संग
जांच के दौरान पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज हाथ लगी, जिसमें सोनम को आरोपियों आकाश, विशाल और आनंद के साथ क्राइम सीन से करीब 10 किलोमीटर दूर बातचीत करते हुए देखा गया. इसके अलावा घटनास्थल से बरामद हुए कई सबूत भी सोनम की भूमिका की पुष्टि करते हैं. पुलिस के मुताबिक, सोनम ने अपना रेनकोट जानबूझकर आकाश को दिया था. इस पर खून के धब्बे मिले और बाद में यह 6 किलोमीटर दूर झाड़ियों में मिला. जो साफ तौर पर हत्या के बाद सबूत मिटाने की कोशिश का हिस्सा था.
हत्या में कौन-क्या कर रहा था?
पुलिस के अनुसार, राजा पर पहला वार विशाल चौहान ने किया था. घटना के समय आनंद कुर्मी ने वही कपड़े पहने हुए थे जो उसने हत्या के वक्त पहने थे. सबसे अहम बात यह कि हत्या में इस्तेमाल किया गया धारदार हथियार गुवाहाटी रेलवे स्टेशन के पास की एक दुकान से खरीदा गया था. यानी इस हत्या के पीछे की साजिश गहराई से और सुनियोजित तरीके से तैयार की गई थी.
हत्या के बाद की पूरी चाल
हत्या के बाद सोनम ने किसी को शक न हो, इसके लिए योजना के तहत काम किया:
- 23 मई को हत्या के तुरंत बाद ट्रेन से गुवाहाटी रवाना हुई.
- वहां से सिलीगुड़ी होते हुए 25 मई को इंदौर पहुंची.
- इंदौर में अपने प्रेमी राज कुशवाहा से मिली और एक दिन किराए के घर में रुकी.
- इसके बाद एक ड्राइवर के ज़रिए वाराणसी होते हुए गाजीपुर पहुंची, जहां उसने सरेंडर कर दिया.
10 दिन में रची गई थी साजिश
जांच में पता चला है कि यह पूरी साजिश शादी के महज 10 दिन बाद ही तैयार कर ली गई थी. सोनम लगातार राज कुशवाहा और बाकी आरोपियों के संपर्क में थी. सभी आरोपी अलग-अलग होटलों में रुके, लेकिन एक ही इलाके में ताकि शक न हो, लेकिन मिलना आसान रहे. पुलिस का यह भी दावा है कि हत्या का मकसद सिर्फ एक था राजा को रास्ते से हटाकर सोनम का अपने प्रेमी राज के साथ रहना.