मध्य प्रदेश में बीजेपी अपने नेताओं के लिए जून महीने में एक विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने जा रही है, जिसमें उन्हें सार्वजनिक मंचों पर संचार कौशल बेहतर करने की ट्रेनिंग दी जाएगी. यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब हाल ही में पार्टी के कुछ नेताओं ने सेना और महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादास्पद बयान दिए, जिससे पार्टी को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा.
हालांकि, मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि यह शिविर पहले से तय था और इसका हालिया विवादों से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, 'ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम पार्टी की कार्यसंस्कृति का हिस्सा हैं और समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं.'
दरअसल, राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री विजय शाह ने अपने एक भाषण में कर्नल सोफिया कुरैशी को ‘आतंकवादियों की बहन’ बता दिया, जिससे न केवल राजनीतिक तूफान खड़ा हुआ बल्कि हाईकोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई.
जगदीश देवड़ा ने भी दिया था बयान
इसके बाद, राज्य के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि 'भारतीय सेना और सैनिक प्रधानमंत्री मोदी के चरणों में नतमस्तक हैं.' उनके इस बयान को भी विपक्ष और सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा, हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया है.
इसी कड़ी में, रीवा जिले के बीजेपी विधायक नरेंद्र प्रजापति ने यहां तक कह दिया कि भारत को पाकिस्तान के साथ युद्ध रोकने का आदेश संयुक्त राष्ट्र ने दिया है, जो कि पूरी तरह तथ्यविहीन है.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, भोपाल में होने वाले इस प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य नए विधायकों और नेताओं को पार्टी की विचारधारा समझाना और उन्हें सार्वजनिक बोलचाल में सावधानी बरतने का प्रशिक्षण देना है. इससे पहले 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले भी ऐसा ही एक शिविर सीहोर जिले में आयोजित किया गया था.
यह शिविर अब पार्टी के लिए और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि हाल की घटनाओं ने संचार की संवेदनशीलता को उजागर कर दिया है, विशेषकर जब मामला सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो.