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मांग में सिंदूर, खामोश चेहरा और सच उगलते लब... कैमरे के सामने जीजा जी के मर्डर की वजह कुबूलती चली गई निधि साहू

साली निधि साहू ने बताया कि जीजा सृजन साहू बहुत परेशान कर रहा था. वह कहता था, "तुम आ नहीं रही, तुम्हारे वीडियो मेरे पास हैं, इन्हें मायके वालों और ससुराल वालों को बता दूंगा." हमने कहा, शादी को 5 महीने हो गए, हम मिलने नहीं आ सकते. वह वीडियो की धमकी देता था. बहन के दोस्त साहिल से 50 हजार रुपए में बात हुई थी, उसको हमने समस्या बताई थी. हम समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करें, क्या न करें...

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ब्लैकमेलिंग से तंग आकर साली ने करवाया जीजा का मर्डर.
ब्लैकमेलिंग से तंग आकर साली ने करवाया जीजा का मर्डर.

मांग में सिंदूर... चेहरे पर एक अलग खामोशी... और होंठों पर सच्चाई, वो भी मीडिया के कैमरों के सामने. जिसे बोलने से वो डर रही थी... पर अब... सब कुछ कह रही थी. उसका नाम- निधि साहू. उम्र- सिर्फ 23 साल. शादी को बस 5 महीने हुए हैं. पर जिंदगी में ऐसा मोड़ आया, जिसने उसे एक खौफनाक फैसला लेने पर मजबूर कर दिया.

वो शख्स, जो कभी दोस्त जैसा था... अब बन चुका था उसकी जिंदगी का डर. दरअसल, जीजा सृजन साहू से निधि की 4 साल पहले की जान-पहचान थी. निधि ने कुबूला कि वह उसके साथ 2-3 बार रूम यानी अकेले कमरे में जा चुकी थी. यह मुलाकात अब ब्लैकमेलिंग में बदल चुकी थी. फोन पर धमकियां मिलने लगीं ''तुम्हारी वीडियो है मेरे पास... मायके और ससुराल वालों को सब बता दूंगा.'' शादी के बाद भी पीछा नहीं छोड़ा. कॉल पर, मैसेज पर... हर बार वही डर.

निधि टूट चुकी थी. पर घरवालों से कुछ नहीं कहा. शर्म, डर... और इज्जत की कैद में वो खुद को खोती जा रही थी. फिर एक दिन सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हुए एक रील देखी. रील में किसी को रास्ते से हटाने का तरीका देखा. बस... वहीं से एक खतरनाक ख्याल ने जन्म लिया.

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उसने संपर्क किया साहिल से. कभी बहन की दोस्ती थी उससे, अब वही बना उसका खतरनाक साथी. ₹50 हजार में सौदा तय हुआ. 10 हजार रुपए एडवांस दिए गए और फिर निधि ने अपने कान में पहने करीब 30 हजार रुपए के सोने के बाली भी साहिल को दे दिए, 

साहिल और उसका एक नाबालिग साथी...निधि के कहने पर इस वारदात की प्लानिंग करने लगे. 25 दिन तक सब कुछ खामोशी से तय हुआ. चाकू खरीदे गए. जंगल का रास्ता चुना गया और दिन भी 25 अक्टूबर 2025.

उस दिन सृजन को निधि का कॉल आया, ''चलो घूमने चलते हैं.'' वो तो मानो तैयार बैठा था... तुरंत हामी भर दी और तय वक्त पर कार में भी आ बैठा, पर उसे नहीं पता था कि उसका सफर अब आखिरी होगा. कार जंगल के रास्ते मुड़ी. सृजन ने पूछा, ''कहां जा रहे हैं?'' साहिल बोला, ''एक दोस्त को लेना है.''

उसी पल... निधि ने पीछे से चाकू उठाया. तीन वार उसकी गर्दन पर किए. खून फूट पड़ा. सृजन बुरी तरह छटपटाने लगा, लेकिन पास बैठे साहिल ने भी चाकू से हमला कर दिया और नाबालिग ने भी इसमें साथ दिया, जंगल में शव को पत्थरों के नीचे दबा दिया गया. कार वापस शहर लौटी, मानो कुछ हुआ ही नहीं. 

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तीन दिन बाद, पुलिस को मिली गुमशुदगी की रिपोर्ट. जलशा होटल के पास से सृजन लापता था. एसपी डॉ. ऋषिकेश मीना की टीम ने सीसीटीवी खंगाले, मोबाइल लोकेशन ट्रैक की. एक वीडियो में दिखी, एक महिला, नकाब में कार में सवार.

शक पुख्ता हुआ. निधि को हिरासत में लिया गया. पहले चुप रही, फिर टूट गई. आंसू, सिसकियां और कुबूलनामे के साथ बोली, ''जीजा मुझे ब्लैकमेल कर रहा था. वीडियो वायरल करने की धमकी देता था. अगर पुलिस को बता देती, तो शायद आज सब अलग होता. 

निधि रोती रही... पर सच सामने था. एक लड़की, जो डर से आजादी चाहती थी, अब जिंदगी की सबसे बड़ी कैदी बन चुकी थी. एक रील से शुरू हुआ प्लान, एक पल का गुस्सा  और एक जिंदगी, जो हमेशा के लिए खत्म हो गई.

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