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'MP में जानबूझकर पहले गलत डिजाइन बनाते हैं ताकि...', कांग्रेस MLA जयवर्धन सिंह ने भोपाल के 90 डिग्री ब्रिज और मेट्रो के 'बौने' खंभों पर उठाए सवाल

MP के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने राज्य के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को 'जानलेवा भ्रष्टाचार' का उदाहरण बताया. उन्होंने भोपाल के 90 डिग्री ब्रिज और मेट्रो के खंभों की 'कम ऊंचाई' को लेकर सवाल उठाए.

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Jaivardhan Singh Corruption Allegations MP
Jaivardhan Singh Corruption Allegations MP

कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने मोहन यादव सरकार पर राज्य में शहरी व्यवस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 20 साल से ज्यादा समय तक सत्ता में रहने के बावजूद बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकारें शहरों के लिए मास्टर प्लान लागू करने में नाकाम रही हैं.

कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने मुख्यमंत्री यादव के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के दो साल के कार्यकाल को शहरी विकास के साथ-साथ भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के मामले में भी नाकामी का प्रतीक बताया.

सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार अपने दो साल के कार्यकाल की सफलताओं का ढोल पीट रही है, जबकि असल में ये खोखली हैं और जनता के भविष्य के साथ धोखा है.

'मास्टर प्लान की नाकामी'

राघौगढ़ विधायक ने दावा किया, "बीजेपी के दो साल उपलब्धियों के साल नहीं, बल्कि शहरी संस्थानों को कमजोर करने, प्रोजेक्ट्स को रोकने, नौकरियां छीनने और जनता को परेशान करने के साल हैं. पिछले दो सालों में नगर निकायों में विकास रुक गया है. भोपाल और इंदौर जैसे राज्य के महत्वपूर्ण शहरों के लिए भी मास्टर प्लान लागू नहीं किया गया है."

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विधायक ने कहा, "कांग्रेस ने 1995 में मास्टर प्लान पेश किया था. अगला प्लान 2005 में जारी होना चाहिए था, लेकिन 22 साल से ज्यादा समय से सत्ता में रही बीजेपी सरकार ऐसा करने में नाकाम रही है. भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में विकास के बजाय अराजकता फैल रही है."

उन्होंने भोपाल में विवादित 90-डिग्री फ्लाईओवर, रायसेन जिले में निर्माण के दौरान पुल गिरने और भोपाल और इंदौर मेट्रो के खंभों की कम ऊंचाई का हवाला देते हुए इन्हें करोड़ों रुपये की बर्बादी और 'जानलेवा भ्रष्टाचार' का उदाहरण बताया.

'कमीशन का खेल'

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, "कमीशन का खेल चल रहा है, जहां जानबूझकर डिजाइन में कमियां छोड़ी जाती हैं ताकि बाद में सुधार के नाम पर बजट बढ़ाया जा सके. निरीक्षण की कमी है, और बड़े ठेकेदारों को बचाया जा रहा है."

उज्जैन लैंड पूलिंग योजना का जिक्र 

पूर्व मंत्री ने हाल ही में रद्द की गई उज्जैन लैंड पूलिंग योजना का भी जिक्र किया और दावा किया कि सीएम यादव ने यह योजना अपने निजी हितों को पूरा करने के लिए शुरू की थी, लेकिन कांग्रेस और किसानों के दबाव में इसे रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

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