मध्य प्रदेश के इंदौर में कुछ दिनों पहले 70 लाख रुपए ज्वेलरी चोरी कर ली गई थी. मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र का था. घटना सामने आने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई थी. चोरों का पता लगाने के लिए इंदौर पुलिस नायाब तरीका निकाला. पुलिसकर्मी फेरीवाले (गलियों में घूम-घूम कर सामान बेचने वाले), सब्जी बेचने वाले बनकर घूमें और चोरों का पता लगाया. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके पास से चोरी किए गए आभूषण भी बरामद कर लिए हैं.
दरअसल, 28 जून को अर्पित बनकर नाम के व्यक्ति ने लसूड़िया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उसने कहा था कि अज्ञात चोर घर में घुसकर करीब 70 लाख रुपए के हीरे, सोने-चांदी के आभूषण, नकदी रुपए, महंगी हाथ की घड़ियां चोरी कर ले गए हैं. केस सामने आने के बाद पुलिस ने अपने मुखबिरों को एक्टिव कर दिया था और आरोपियों की तलाश के लिए छानबीन शुरू कर दी थी.
इसी दौरान पुलिस को अपने मुखबिर से सूचना मिली कि चोरी करने वाला व्यक्ति अर्पित का पूर्व ड्राइवर दीपक है. उसने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए खास तरीका अपनाया.
सात दिन की मेहनत लाई रंग
पुलिसकर्मी फेरीवाले और सब्जी वाले बनकर आरोपियों के इलाकों में घूमने लगे. सात दिन तक क्रम चलता रहा. पुलिस को जानकारी मिली थी कि चोरी के सामान के बंटवारे के लिए गैंग के सरगना दीपक के स्कीम 78 स्थित आवासा पर आने वाले हैं. जैसे ही सभी आरोपी एक जगह पर जुड़े, पुलिस ने धावा बोलते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
डीसीपी ने कही यह बात
मामले पर जानकारी देते हुए डीसीपी अभिषेक आनंद ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में गैंग के सरगना दीपक ने बताया कि वह अर्पित के यहां पहले ड्राइवर था. उसे पता था कि अर्पित अपने बेटे के जन्मदिन पर परिवार के साथ घर से बाहर जाने वाला है. इसी बात फायदा उठाते हुए वह अपने तीन दोस्त विशाल, जितेंद्र और विनय के साथ 28 जून की रात अर्पित के घर में घुसे थे और कीमती सामान और नकदी चोरी करके भाग गए थे. डीसीपी के मुताबिक आरोपियों के पास से चोरी किया गया सारा सामान बरामद कर लिया गया है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.