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MP: फर्जी अनुकंपा नियुक्ति से पाई सरकारी नौकरी! पुलिस ने किया मामला दर्ज

जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता ने अपने कार्यकाल के मामलों की जांच कराई तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया, जिसमें वे खुद भी घिरते जा रहे हैं क्योंकि उनके हस्ताक्षर से 6 फर्जी अनुकंपा नियुक्ति आदेश जारी किए गए. 

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शिक्षा विभाग में बड़े फर्जीवाड़े की खबर. (सांकेतिक तस्वीर)
शिक्षा विभाग में बड़े फर्जीवाड़े की खबर. (सांकेतिक तस्वीर)

मध्यप्रदेश में अभी पुलिस कांस्टेबल भर्ती घोटाले की जांच चल रही है, तभी एक और सरकारी विभाग में बड़े फर्जीवाड़े की खबर सामने आई है. रीवा जिले में फर्जी अनुकंपा नियुक्ति के जरिए नौकरी पाने का मामला सामने आया है, जिसपर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. 'आजतक' को मिली जानकारी के अनुसार, इस पूरे फर्जीवाड़े की पोल तब खुली जब अनुकंपा नियुक्ति से नौकरी पाने वालों को कागजात समेत जांच के लिए जिला शिक्षा कार्यालय बुलाया गया. 

दरअसल, शिक्षा विभाग में रीवा जिले के अंतर्गत बीते एक साल में 36 लोगों की अनुकंपा नियुक्तियां हुई थीं. इन सभी को नोटिस दिया गया और कागजात सहित जिला शिक्षा कार्यालय बुलाया गया था, लेकिन इसमें 10 लोग नहीं पहुंचे. उनके कागजात बारीकी से जांचे गए तो उनमें से 6 फर्जी निकले. यह सारे मामले सिर्फ एक साल में दी गई अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में सामने आए हैं. 

जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता ने अपने कार्यकाल के मामलों की जांच कराई तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया, जिसमें वे खुद भी घिरते जा रहे हैं क्योंकि उनके हस्ताक्षर से 6 फर्जी अनुकंपा नियुक्ति आदेश जारी किए गए. 

हालांकि, जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता ने फर्जी अनुकंपा नियुक्ति लेने वालों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है, जिसके बाद पुलिस इन फर्जी नौकरी लेने वालों की तलाश में जुट गई है.

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कैसे अंजाम दिया गया फर्जीवाड़ा?
अब तक की जानकारी के अनुसार, फर्जीवाड़े को बेहद गोपनीय तरीके से दस्तावेजों में हेराफेरी कर अंजाम दिया गया. शासन स्तर पर अनुकंपा के आवेदन ऑनलाइन संकुल के माध्यम से किए जाने चाहिए थे और उसके बाद हार्ड कॉपी में संकुल प्रभारी के हस्ताक्षर से उसे भेजना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. 

इस मामले को लेकर जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि इसमें सबसे पहले एक प्रकरण सामने आया था, जिसमें नियुक्ति के बाद भी वह व्यक्ति उपस्थित नहीं हो रहा था. जांच में पाया गया कि चार-पांच नियुक्तियां इसी तरह संदिग्ध थीं. जब कमेटी बनाकर जांच कराई गई तो पता चला कि इनके द्वारा गलत तरीके से दस्तावेज लगाकर अनुकंपा नियुक्ति पाई गई है. इसके बाद इस मामले से जुड़े 6 लोगों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई है. फर्जी अनुकंपा नियुक्ति पाने वालों के साथ-साथ नोडल अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है.

सिविल लाइंस थाने में FIR दर्ज
'आजतक' से बात करते हुए रीवा की एडिशनल एसपी आरती सिंह ने बताया कि सिविल लाइंस थाने में 10 दिसंबर 2024 से 4 अप्रैल 2025 के बीच अनुकंपा नियुक्तियों में पाया गया कि कुछ लोगों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर भृत्य के रूप में गलत तरीके से अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त की है. इसमें पांच लोगों हीरामणि रावत, ओमप्रकाश कोल, सुषमा कोल, विनय रावत और रमा द्विवेदी जो लिपिक के रूप में पदस्थ हैं के खिलाफ धारा 420 के तहत केस दर्ज किया गया है.

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