मध्य प्रदेश के दतिया जिले से स्वास्थ्य व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करने वाला मामला सामने आया है. भांडेर ब्लॉक के ककरौआ गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए इंजेक्शन के बाद चार बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. इनमें से एक बच्चे की शनिवार सुबह मौत हो गई, जबकि तीन अन्य बच्चों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है.
इंजेक्शन लगाए जाने के बाद बच्चे की मौत
ग्रामीणों के अनुसार, शुक्रवार को गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी. इस दौरान पांच बच्चों को पेंटावेलेंट (पेंटावन कोर्स) का इंजेक्शन लगाया गया और पोलियो की दवा भी पिलाई गई. शाम होते-होते चार बच्चों की हालत बिगड़ने लगी. बच्चों को उल्टी, बुखार और बेचैनी की शिकायत होने लगी. परिजन रातभर बच्चों की हालत को लेकर परेशान रहे, लेकिन सुबह एक बच्चे की मौत हो गई.
घटना से गुस्साए ग्रामीण बीमार बच्चों को लेकर सीधे कलेक्टर बंगले पहुंच गए. ग्रामीणों की बात सुनने के बाद स्वपनिल ने तत्काल सभी बच्चों को जिला अस्पताल भेजने के निर्देश दिए. इसके बाद तीनों बीमार बच्चों को दतिया जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है.
मृत बच्चे के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता दिखाते हुए तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया है. साथ ही मृत बच्चे का विसरा जांच के लिए बाहर भेजा गया है, ताकि मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.
दो बच्चों की बची जान
सीएमएचओ ने बताया कि बीमार बच्चों की हालत अब खतरे से बाहर है और उन्हें निगरानी में रखा गया है. एहतियातन बच्चों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. विभागीय स्तर पर पूरे टीकाकरण प्रक्रिया की भी समीक्षा की जा रही है.
वहीं पुलिस ने भी इस मामले में अलग से जांच शुरू कर दी है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है. अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही सामने आती है तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
फिलहाल पूरे गांव में दहशत और चिंता का माहौल है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आती, तब तक वो टीकाकरण को लेकर आशंकित रहेंगे. यह घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े करती है.