राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत के 75 साल की उम्र के बाद राजनीति से किनारे होने के बयान पर मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता और पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमारिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
राजधानी भोपाल में संघ प्रमुख भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कुसमारिया ने कहा, "हमारे बुंदेलखंड में एक कहावत है कि एक बारात में बुजुर्गों को नहीं ले जा रहे थे, लेकिन कुछ लोगों के कहने पर उन्हें शामिल किया गया. वहां जब समस्या आई, तो बुजुर्गों ने ही उसे हल किया. बुजुर्गों को साथ ले जाने से काम बेहतर होता है."
प्रदेश की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके कुसमारिया ने आगे कहा, "मेरा कहना है कि बुजुर्गों की सलाह लेनी चाहिए, उनसे बातचीत करनी चाहिए. क्या माता-पिता को कचरे में फेंक देते हैं? आजकल लोग बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में छोड़कर उनकी सेवा से कतराते हैं. हम भी पार्टी के बुजुर्ग हैं, तो क्या हमें उठाकर कहीं भी फेंक देंगे?" देखें Video:-
बता दें कि बीते दिनों नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस प्रमुख भागवत ने 75 साल की उम्र के बाद सेवानिवृत्त (रिटायर्ड) होने संबंधी टिप्पणी की थी.
भागवत ने संघ विचारक मोरोपंत पिंगले की टिप्पणी का उल्लेख किया था कि जब 75 साल की उम्र पूरी होने पर शॉल आपके ऊपर डाला जाता है, तो इसका मतलब है कि आप एक निश्चित उम्र तक पहुंच गए हैं, अब आपको अलग हट जाना चाहिए और दूसरों को काम करने देना चाहिए.