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MP: भोपाल में धंसा हाइवे, MPRDC का अजीब तर्क, कहा- किसानों के मिट्टी खोदने से ढह गई सड़क

MP News: भोपाल ईस्टर्न बायपास पर 56 किलोमीटर लंबी यह सड़क मेसर्स ट्रांसट्रॉय प्राइवेट लिमिटेड (हैदराबाद) ने बनाई थी. निर्माण पर ₹305 करोड़ खर्च हुए. यह सड़क 2013 में पूरी हुई थी और 12 साल में इससे ₹650 करोड़ से ज्यादा का टोल वसूला जा चुका है.

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भोपाल ईस्टर्न बायपास धंसने पर मचा बवाल.(Photo:ITG)
भोपाल ईस्टर्न बायपास धंसने पर मचा बवाल.(Photo:ITG)

MP News: भोपाल के पूर्वी बायपास पर 75 मीटर लंबी सड़क धंसने का कारण मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) ने किसानों का मिट्टी खोदना बताया है. इस पर कांग्रेस ने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए किसानों पर दोष डाल रही है. 

पीडब्ल्यूडी के तहत आने वाले MPRDC ने सड़क धंसने के मामले पर बताया, ''प्रथम दृष्टया निरीक्षण में तकनीकी अधिकारियों ने पाया कि आरई वॉल का निर्माण निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुसार नहीं किया गया था. उपयोग की गई मिट्टी की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं थी और इम्बैंकमेंट में आवश्यक स्टोन पिचिंग का कार्य नहीं किया गया था, जिसके कारण वर्षा ऋतु में पानी का रिसाव होकर मिट्टी कमजोर हो गई.

इसके अलावा, किसानों द्वारा दीवार के समीप मिट्टी की खुदाई किए जाने से जल निकासी में बाधा उत्पन्न हुई, जिसके परिणामस्वरूप इम्बैंकमेंट के भीतर पानी भर गया और सड़क का हिस्सा धंस गया.

निगम ने तत्काल तीन वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों की एक जांच समिति गठित की है, जो सात दिवस के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगी. साथ ही, क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत का कार्य तत्काल आरंभ कर दिया गया है, जिसे दस दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

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निर्माण में प्रयुक्त मिट्टी के सैंपल लेकर उन्हें केंद्रीय प्रयोगशाला, लोक निर्माण विभाग में जांच के लिए भेजा गया है. परीक्षण परिणाम प्राप्त होने के बाद और जांच प्रतिवेदन के आधार पर निर्माण कार्य में लापरवाही के लिए जिम्मेदार निवेशकर्ता, कंसलटेंट और संबंधित विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी.'' 

बता दें कि सोमवार को भोपाल पूर्वी बाईपास पर सूखी सेवनिया रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) के पास सड़क धंस गई थी. बाईपास पर स्थित आरई वॉल अचानक क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे लगभग 75 मीटर लंबाई का सड़क हिस्सा धंस गया. हालांकि, इस दुर्घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है.

मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) के अधिकारियों ने तुरंत एक्शन लेते हुए पूरे क्षेत्र को बैरिकेड कर दिया और यातायात को दूसरी लेन से डायवर्ट कर सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है.

कांग्रेस का सरकार पर हमला
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने MPRDC की शुरुआती जांच रिपोर्ट में किसानों के मिट्टी खोदने को वजह बताने पर सरकार पर हमला करते हुए कहा, ''अपनी नाकामी को छिपाने के लिए किसानों पर दोष डाला जा रहा है. अगर किसान मिट्टी खोद रहे थे तो आपका विभाग तब क्या कर रहा था? पूरे प्रदेश की सड़कों का हाल खराब है, लेकिन मंत्री कहते हैं कि जब तक सड़कें रहेंगी तब तक गड्ढे रहेंगे.''

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सड़क निर्माण से जुड़े फैक्ट्स  

  • साल 2013 में करीब 56 KM की यह सड़क बनाई गई, जिसे भोपाल का पूर्वी बायपास कहा जाता है  
  • सड़क निर्माण हैदराबाद की मेसर्स ट्रांसट्रॉय प्राइवेट लिमिटेड की ओर से किया गया था  
  • बीओटी के तहत यह परियोजना 18 नवंबर 2010 को कॉन्ट्रैक्ट के तहत साल 2013 में पूरी हुई  
  • कॉन्ट्रैक्ट अनुसार इसकी अवधि 15 साल थी, लेकिन साल 2020 में कंपनी ने शर्तों का पालन नहीं किया तो कॉन्ट्रैक्ट निरस्त कर दिया गया.  
  • कंपनी को तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया था  
  • सड़क निर्माण पर 305 करोड़ रुपये खर्च हुए  
  • 12 साल में इस सड़क से 650 करोड़ रुपये से ज्यादा का टोल वसूला जा चुका है.
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