मध्य प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर एक बार फिर आजतक की खबर का बड़ा असर देखने को मिला है. आजतक ने हाल ही में राजधानी भोपाल के दो प्रमुख पुलों- ऐशबाग के 90 डिग्री वाले पुल और सुभाष नगर के सर्पाकार फ्लाईओवर पर मौजूद खतरनाक मोड़ों की समस्या को प्रमुखता से उठाया था. इस खबर के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने सख्ती दिखाते हुए ऐसे सभी ब्रिज और निर्माणाधीन पुलों जांच के निर्देश दिए हैं.
आजतक की इस विशेष रिपोर्ट के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. इसके तहत प्रदेश के सभी निर्माणाधीन और मौजूदा पुलों, फ्लाईओवर, ROB (रेलवे ओवर ब्रिज) और एलिवेटेड कॉरिडोर की गहन जांच की जाएगी.
PWD ने दिया जांच का निर्देश
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने इस संबंध में सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी निर्माणाधीन ब्रिजों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी और इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की जाएगी. यदि किसी भी पुल में कोई तकनीकी खामी पाई जाती है तो ब्रिज एक्सपर्ट उसका तुरंत समाधान करेंगे.
3 दिन में उपलब्ध करानी होगी जानकारी
पीडब्ल्यूडी विभाग ने पूरे प्रदेश के सभी चीफ इंजीनियर (ब्रिज), सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (एसई) और एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में उन सभी पुलों, फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर की जांच करें, जिनमें- तीव्र मोड़, वाहनों के स्पीड के अनुसार पर्याप्त टर्निंग रेडियस और ट्रांजिशन लेंथ की कमी, इंटरनल-एक्सटर्नल वाइंडिंग का प्रावधान न होना और वाहनों की गति के अनुसार मोड़ो पर सुपर ऐलीवेशन की कमी.
विभाग ने इन कमियों की जानकारी तीन दिनों के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. सभी पुल, फ्लाईओवर की जांच IRC के नियमों जैसे IRC 38, IRC-73:2023 और IRC SP 90:2023 के आधार पर होगी.
7 इंजीनियर निलंबित
आपको बता दें कि इससे पहले सीएम मोहन यादव ने ऐशबाग में 90 डिग्री वाले पुल के निर्माण में लापरवाही बरतने वाले सात इंजीनियरों को निलंबित कर दिया था और एक रिटायर्ड इंजीनियर पर विभागीय जांच का आदेश दिया था.