
मासूम बेटे के इलाज के लिए एक मां के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. हादसे में 12 साल के बेटे नरेश केवट की रीढ़ की हड्डी टूट गई. इलाज में लाखों रुपये का इंतजाम करने की हिम्मत गरीब महिला के बस की बात नहीं है. इसलिए मदद की गुहार लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची. महिला के साथ उसका बेटा भी था. एक तिरपाल को स्ट्रेचर बनाकर मासूम को लिटाया गया और जनसुनवाई कक्ष तक पहुंचाया गया.
12 साल के नरेश केवट की मां ने बताया कि दिवाली से ठीक पहले घर की लिपाई-पुताई के लिए खदान से मिट्टी निकालने गए थे. नरेश भी साथ में गया था. लेकिन मिट्टी निकालते वक्त खदान धसक गई और नरेश मिट्टी के नीचे दब गया. हादसे में नरेश की रीढ़ की हड्डी टूट गई. थोड़ा बहुत इलाज कराया लेकिन वो काफी नहीं था.
इलाज कराने के लिए डॉक्टर ने 2 लाख रुपये का खर्च बताया है. हम इतने सक्षम नहीं है कि इलाज करा पाएं, इसलिए कलेक्टर से मदद मांगने आए हैं. कोई हमारी मदद कर दे तो नरेश को जीवनदान मिल जाएगा.
नरेश को जनसुनवाई कक्ष के सामने तिरपाल बिछाकर जमीन पर लिटाकर पीड़ित मां अधिकारियों से मदद मांगने पहुंची. रीढ़ की हड्डी टूटने के कारण बच्चा हिल भी नहीं पा रहा था.

अपर कलेक्टर मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि बच्चे की रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट है. महिला ने आवेदन दिया है. इलाज के लिए हरसंभव मदद की जाएगी.