साहित्य आजतक के दूसरे दिन के 'किसके लिए साहित्य' सत्र में लेखक अरुण कमल, ऋषिकेश सुलभ और मैत्रेयी पुष्पा ने हिस्सा लिया. इस सत्र के दौरान मैत्रेयी पुष्पा ने कहा कि साहित्य उन पिछड़े वंचितों के लिए है जिनको अपने हालात का भी अहसास नहीं है.