scorecardresearch
 

World Ovarian Cancer Day 2025: ओवेरियन कैंसर होने पर महिलाओं के शरीर में दिखते हैं ये लक्षण, समय रहते ऐसे पहचानें

ओवरी कैंसर महिलाओं में सातवां सबसे आम कैंसर है, जो किसी भी अन्य प्रकार के प्रजनन कैंसर की तुलना में अधिक मौतों का कारण बनता है. अमेरिका में, यह महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों में पांचवें स्थान पर है. यहां हम ओवरी कैंसर के लक्षण, कारण और उससे बचने के उपाय बताने जा रहे हैं.

Advertisement
X
 ओवरी कैंसर के शुरुआती लक्षण
ओवरी कैंसर के शुरुआती लक्षण

World Ovarian Cancer Day 2025: हर साल दुनियाभर में महिलाओं के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देशय से 8 मई को 'World Ovarian Cancer Day' मनाया जाता है. ताकि महिलाएं समय रहते ओवरी (गर्भाश्य) कैंसर की पहचान कर सकें. शुरुआत में इसके लक्षणों का पता लगाना आसान नहीं होता और ऐसे में यदि ध्यान न दिया जाए तो यह अधिक गंभीर भी हो सकता है.

Advertisement

ओवेरियन कैंसर तब होता है जब आपके अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब में असामान्य कोशिकाएं बढ़ती हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं. यह अंडाशय (ओवरी) से शुरू होता है. यदि ओवेरियन कैंसर होता है तो यह आमतौर पर आपके पेल्विस से आपके लिम्फ नोड्स, पेट, आंत, पेट, छाती या लिवर तक फैल सकता है.

ओवरी कैंसर महिलाओं में सातवां सबसे आम कैंसर है जो किसी भी अन्य प्रकार के प्रजनन कैंसर की तुलना में अधिक मौतों का कारण बनता है. अमेरिका में, यह महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों में पांचवें स्थान पर है. यहां हम ओवरी कैंसर के लक्षण, कारण और उससे बचने के उपाय बताने जा रहे हैं जो सभी को पता होना चाहिए.

भारत में ओवेरियन कैंसर की स्थिति

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, ओवेरियन कैंसर भारतीय महिलाओं में तीसरा और दुनिया भर में आठवां सबसे आम कैंसर है. ग्लोबोकैन 2018 फैक्ट शीट के अनुसार, सभी कैंसर के मामलों के 3.44 प्रतिशत मामले ओवेरियन कैंसर के होते हैं. ये कैंसर भारतीय महिलाओं में कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है जो कि भारत में कैंसर से होने वाली कुल मौतों का 3.34 प्रतिशत है.

Clevelandclinic के मुताबिक, ओवेरियन कैंसर का सटीक कारण बताना अभी भी काफी मुश्किल है लेकिन मोटापा, 60 साल से अधिक उम्र, ओवेरियन कैंसर की फैमिली हिस्ट्री, एंडोमेट्रियोसिस, प्रेग्नेंट न होना कुछ ऐसे लक्षण हैं जो ओवेरियन कैंसर का कारण बन सकते हैं.

Advertisement

ओवरी कैंसर के कुछ शुरुआती लक्षण

ब्लोटिंग

अगर अक्सर कम खाने के बाद भी पेट फूला हुआ या फिर टाइट सा महसूस होने लगता है या लंबे समय से पेट बड़ा दिख रहा है तो इसे डाइजेशन प्रॉब्लम समझ इग्नोर न करें ओवरी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं.

बार-बार पेशाब आना

अगर आपको बार-बार पेशाब लगती है तो इसे इग्नोर न करें. महिलाएं अक्सर बार-बार पेशाब आने को शुगर या डायबिटीज, यूटीआई से जोड़कर देखने लगती है. लेकिन यह ट्यूमर के दबाव के कारण भी हो सकता है.

पेल्विक पेन

पेट के निचले हिस्से में किसी भी तरह की परेशानी बढ़ते ट्यूमर की ओर इशारा हो सकता है. हालांकि, पीरियड के दौरान दर्द या किसी भी तरह की परेशानी कॉमन है, पर आम दिनों में इसे इग्नोर न करें.

भूख न लगना

ओवरी कैंसर के कारण पेट फूलने या पेट भरा हुआ महसूस होता है जिसके कारण भूख नहीं लगती.

कमर दर्द

कई बार बैठने या फिर गलत सोने की वजह से कमर दर्द हो सकता है. पर आपको अक्सर ही कमर दर्द रहता है तो यह ओवरी कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.

पीरियड्स साइकल में बदलाव

महिलाओं को अपने पीरियड्स साइकल का ध्यान रखना चाहिए. अगर आपके पीरियड्स जल्दी या फिर देर आ रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.

Advertisement

मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग

मेनोपॉज होने के बाद भी भी अगर आपको ब्लीडिंग होता है, तो यह नॉर्मल नहीं है. ये ओवरी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.

आखिर ओवरी कैंसर के क्या कारण है?

वैसे तो यह कैंसर किसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकता है लेकिन सबसे ज्यादा 55 या उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं को होने का खतरा रहता है. अगर किसी महिला की फैमिली में ओवरी, ब्रेस्ट कोलोरेक्टल कैंसर की हिस्ट्री रही है तो इसका रिस्क बढ़ जाता है.

जो महिलाएं कभी मां नहीं बन पाती या कभी कंसीव नहीं करती. उनमें ओवरी कैंसर का रिस्क बढ़ सकता है. मोटापे की वजह से भी हार्मोनल डिसऑर्डर होता है और थायराइड जैसे समस्याएं होती है तो ओवरी कैंसर होने का भी खतरा रहता है.

इससे बचने के लिए क्या करें?

ओवेरियन कैंसर को पूरी तरह से रोकने का अभी कोई तरीका नहीं है. लेकिन अपनी फैमिली हिस्ट्री और शुरुआती लक्षणों को जानकर इसे विकसित होने से रोका जा सकता है. 

ओवेरियन कैंसर को पूरी तरह से रोकने का कोई तरीका नहीं है लेकिन अपनी फैमिली हिस्ट्री को जानकर इसके विकसित होने के खतरे को कम किया जा सकता है. कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, सर्जरी, टारगेटेट थेरेपी से इसका इलाज किया जा सकता है. 

Advertisement

इसलिए समय-समय पर डॉक्टर से संपर्क करते रहें और कोई भी लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से मिलें और उन्हें लक्षण बताएं. साथ ही साथ इसके बारे में अन्य महिलाओं को भी जानकारी दें ताकि वे ओवेरियन कैंसर को लेकर अवेयर हो सकें.

ओवेरियन कैंसर का इलाज

अगर किसी को ओवेरियन कैंसर का पता चलता है तो डॉक्टर सर्जिकल ट्रीटमेंट से उसका इलाज कर सकते हैं. इसके अलावा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के दौरान सर्जन आपके पेट में एक छोटा सा कट (चीरा) लगाकर उससे एक पतला सा कैमरा पेट के अंदर डालते हैं. इससे सर्जन स्टेजिंग बायोप्सी कर सकते हैं या कुछ परिस्थितियों में ओवेरियन ट्यूमर को हटा भी सकते हैं. 

कीमोथेरेपी, सर्जरी, हार्मोन थेरेपी टारगेट थेरेपी से इसका इलाज किया जा सकता है. ऐसे में ओवरी कैंसर का कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें.

Live TV

Advertisement
Advertisement