अधिकतर महिलाओं के यौन जीवन में बहार तब आती है जब उनकी उम्र 40 के करीब पहुंचने वाली होती है. उनमें ऐसा उम्रदराज होने की आशंका के कारण होता है.
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि युवावस्था की तुलना में 30 साल के बाद और 40 साल की शुरूआत के समय महिलाओं में यौन आकांक्षा की संभावना बढ़ जाती है. यह परिवर्तन इस तथ्य के बावजूद पाया गया जबकि उनकी उम्र ढलान पर होती है.
‘द डेली टेलीग्राफ’ ने खबर प्रकाशित की है कि यह प्रवृत्ति इसलिए पाई जाती है क्योंकि महिलाओं की जवानी जैसे ही ढलान की ओर होती है उन्हें ऐसा लगता है कि बच्चे जन्मने का अवसर तथा प्रजनन क्षमता समाप्त होने की ओर है.
वैज्ञानिकों ने 900 महिलाओं पर किये गये अपने सर्वे में पाया कि इसके फलस्वरूप उनकी यौन आकांक्षा बढ़ जाती है. इस सर्वे में शामिल महिलाओं को तीन वर्ग में बांटा गया था. सबसे प्रजनन क्षमता के उत्तम समय वाली (19 से 26 वर्ष की आयु) और अपेक्षाकृत कम प्रजनन क्षमता वाली (27 से 45 वर्ष) तथा रजोनिवृत्ति की आयु वाली.
सर्वे के अनुसार अधेड़ महिलाओं में यौनाकांक्षा अधिक होती है. इन महिलाओं में पाया गया कि वे अधिक उम्र और युवतियों की अपेक्षा अधिक यौन संबंध बनाने में अधिक सक्रिय होती हैं. मुख्य वैज्ञानिक प्रोफेसर डेविड बस ने कहा, ‘परिणाम इस बात की ओर संकेत करते हैं कि प्रजनन क्षमता के ढलान की दहलीज पर महिलाओं में यौन आकांक्षाएं बढ़ती हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इन निष्कर्षों से पता चलता है कि महिलाओं की जैविक घड़ी के तेजी से आगे बढ़ने के साथ महिलाओं के यौन व्यवहार पर प्रभाव पड़ता है और अपनी प्रजनन क्षमता समाप्त होने से पहले वे गर्भाधान का अवसर प्राप्त कर सकें.’ इन निष्कर्षों का प्रकाशन ‘पर्सनैलिटी एंड इंडिविजुएल डिफरेंसेज’ जर्नल में हुआ है.