अगर आप एक महिला हैं और मां बनने वाली हैं या प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हैं तो आपके लिए एक रिसर्च सामने आयी है. इस नई रिसर्च के मुताबिक ऐसी महिलाएं जो प्रेग्नेंट हैं या प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हैं उन्हें रात को सोते समय लाइट खुली नहीं रखनी चाहिए.
सैन एंटोनियो में टेक्सास स्वास्थ्य विज्ञान केंद्र की सेलुलर बायोलॉजी के प्रोफेसर रसेल जे रायटर ने अपनी रिसर्च के आधार पर बताया कि सोने के कमरे में अंधेरा महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य और विकसित हो रहे भ्रूण की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.
रायटर और उनके साथियों ने फर्टिलिटी एंड स्टेरिलिटी जरनल में छपी एक पुरानी रिपोर्ट की समीक्षा की. उन्होंने महिलाओं के सफल प्रजनन में मेलाटोनिन के स्तर और सिरकेडियन रिदम की भूमिका का सार पेश किया.
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक रात में जितनी बार भी लाइट ऑन होती है इसका सीधा असर मेलाटोनिन के प्रोडक्शन पर पड़ता है और यह कम हो जाता है. रायटर के अनुसार मेलाटोनिन असल में मस्तिष्क में पीनियल ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन है जो अंधेरे में रिस्पांस करता है. मेलाटोनिन उस समय काफी महत्वपूर्ण होती है जब कोई महिला प्रेग्नेंट होने की कोशिश करती है. यह उसके अंडों को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है.
उन्होंने कहा कि जो महिलाएं प्रेग्नेंट होना चाहती हैं उन्हें रात में कम से कम 8 घंटे का अंधेरा अपने सोने के कमरे में रखना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस डार्क सर्कल को लगातार बनाए रखना चाहिए, अन्यथा महिला की बायोलॉजिकल क्लॉक कन्फ्यूज हो जाएगी. प्रेग्नेंसी के दौरान भी 8 घंटे कमरे में अंधेरा रखना चाहिए और हो सके तो बीच में लाइट ऑन नहीं करनी चाहिए, खास तौर पर प्रेग्नेंसी के अंति दिनों में तो बिल्कुल नहीं.