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इस घातक कैंसर से बचा सकती है आपके किचन में रखी ये छोटी सी चीज, वैज्ञानिकों ने भी माना

ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर नॉर्मल ब्रेस्ट कैंसर से काफी ज्यादा खतरनाक होता है. इसका ट्रींटमेंट ना के बराबर है, और यह काफी तेजी से शरीर में फैलता है. एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में कार्डामोनिन नाम का नेचुरल कंपाउंड काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.

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triple negative breast cancer (photo credit: getty images)
triple negative breast cancer (photo credit: getty images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 40 साल से कम उम्र की महिलाओं को होता है
  • ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर बाकी ब्रेस्ट कैंसर की तुलना में काफी अलग होता है

महिलाओं में होने वाली बीमारी ब्रेस्ट कैंसर के बारे में आपने काफी सुना होगा, लेकिन क्या कभी आपने ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के बारे में सुना है? महिलाओं में पाए जाने वाले किसी भी तरह के ब्रेस्ट कैंसर में 10 से 15 फीसदी मामले ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं. ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर नॉर्मल ब्रेस्ट कैंसर का घातक रूप होता है. इसका सामना तब करना पड़ता है जब, कैंसर की कोशिकाओं में एस्ट्रोजन और  प्रोजेस्ट्रोन नहीं पाया जाता और यह कोशिकाएं प्रोटीन या जिसे एचईआर 2 कहते हैं नहीं बना पातीं. 

ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 40 साल से कम उम्र की महिलाओं को होता है. इसके अलावा जिनमें BRCA1 म्यूटेशन होता है उन्हें इसका सामना औरों के मुकाबले ज्यादा करना पड़ता है. हमारे शरीर में BRCA1 और BRCA2 दो तरह के जींस होते हैं. जब यह जींस किसी भी कारणवश सही तरीके से काम नहीं कर पाते हैं, तो इस स्थिति में ट्रिपल-नेगिटिव ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है.

ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर बाकी ब्रेस्ट कैंसर की तुलना में काफी अलग होता है. यह तेजी से बढ़ता और फैलता है. इसमें ट्रीटमेंट के ऑप्शन ना के बराबर होते हैं. इस कैंसर से पीड़ित महिलाओं की सेहत समय के साथ और भी ज्यादा खराब होने लगती है. 

ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण (Tripal Negetive Breast Cancer Symptoms)

- ब्रेस्ट के आसपास की स्किन टाइट होना
- ब्रेस्ट के आसपास की स्किन का कलर बदलना
- अंडरआर्म्स के आसपास गांठे बनना
- निप्पल के कलर में बदलाव
- निप्पल से तरल पदार्थ निकलना
- ब्रेस्ट के आसपास रेडनेस

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ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के कारण (Causes Of Tripal Negetive Breast Cancer )

- ब्लड रिलेशन
- BRCA1 और BRCA2 जींस  का सही से काम ना करना
- वजन काफी ज्यादा होना
- मेनोपोज में देरी
- रेडिएशन के संपर्क में आना
-अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन

फ्लोरिडा के ए एंड एम विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर और रिसर्च एनालिस्ट डॉ. पेट्रीसिया मेंडोंका का कहना है कि ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर से निपटने के लिए कार्डामोनिन काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. डॉ पेट्रीसिया के मुताबिक, कार्डामोनिन  एक ऐसा नेचुरल कंपाउंड है जो ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में काफी असरदायक साबित होता है. ये इलायची और अदरक में पाए जाने वाला एक तत्व है.

डॉ. पेट्रीसिया का कहना है कि कार्डामोनिन में एंटीकैंसर कंपाउंड पाए जाते हैं, जिसका इस्तेमाल ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के लिए किया जा सकता है. मेंडोंका ने अमेरिकन सोसाइटी फॉर इन्वेस्टिगेटिव पैथोलॉजी की वार्षिक बैठक में इस रिसर्च से जुड़ी रिपोर्ट पेश की थी. 

डॉ. मेंडोंका  ने कहा कि कार्डामोनिन में एंटीकैंसर प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और कोलोरेक्टल कैंसर के इलाज में मदद कर सकता है. साथ ही ये सूजन और हृदय संबंधित रोगों के इलाज के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है. मेंडोंका ने कहा कि इलायची का इस्तेमाल वर्षों से भारतीय भोजन में किया जाता है साथ ही मेडिकल स्टोर्स मे इसे सप्लीमेंट्स के तौर पर भी बेचा जाता है. उन्होंने कहा हमने पीडी- 1 और पीडी-एल 1 / एनआरएफ 2 एक्सिस पर इसके प्रभावों की जांच करने का निर्णय लिया. 

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क्या होता है PD-1 और PD-L1

शरीर मे कैंसर कोशिकाओं के रिस्पॉन्स में दो चेकपॉइंट प्रोटीन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. 

PD-1: इसे प्रोग्राम्ड सेल डेथ प्रोटीन 1 भी कहा जाता है. यह टी कोशिकाओं में मौजूद एक प्रोटीन होता है. ये इम्यून सेल्स हैं, जो शरीर को संक्रमण से बचाती हैं और कैंसर कोशिकाओं को विकसित होने से रोकती हैं. 

PDL-1: इसे प्रोग्राम्ड सेल डेथ लिगैंड 1 कहा जाता है. यह एक प्रोटीन है जो एंटीजन-प्रेजेंटिंग कोशिकाओं के साथ-साथ कुछ कैंसर सेल्स में बड़ी मात्रा में पाया जा सकता है. 

जब PD-1 और PD-L1 से जुड़ता है तो यह एक 'ब्रेक' के रूप में काम करता है जो टी सेल्स को अन्य कोशिकाओं पर हमला करने से रोकता है. ऐसा करते समय यह टी सेल्स को कैंसर कोशिकाओं को मारने से भी रोकता है. ऐसे में अगर PD-1 और PD-L1 को एक साथ जुड़ने से रोका जाए है तो इससे टी सेल्स की कैंसर कोशिकाओं को मारने की क्षमता बढ़ जाती है. 

डॉ. मेंडोंका ने कहा इलायची का उपयोग सदियों से मसाले के रूप में किया जाता रहा है और अब इसका सेवन सप्लीमेंट्स के रूप में भी किया जाता है. इलायची सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि हमारी स्टडी से इस बात का पता चला है कि इलायची  में ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने की क्षमता पाई जाती है. 

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इलायची के फायदे (Cardamom Health Benefits)

ब्लड प्रेशर का खतरा करे कम- हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए इलायची काफी फायदेमंद साबित होती है. इसके अलावा इलायची एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होती है. एंटीऑक्सीडेंट ब्लड प्रेशर को कम करने में काफी मदद करते हैं. 

कैंसर फाइटिंग कंपाउंड्स- इलायची में मौजूद कंपाउंड्स कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद कर सकते हैं. चूहों में किए गए शोधों से पता चला है कि इलायची कुछ एंजाइमों की एक्टिविटी को बढ़ा सकती है, जो कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं. इलायची का सेवन करने से ट्यूमर पर अटैक करने वाले नेचुरल किलर सेल्स की क्षमता बढ़ती है.  

डाइजेशन के लिए फायदेमंद- डाइजेशन के लिए वर्षों से इलायची का सेवन किया जाता रहा है. इसका सेवन करने से बेचैनी, मतली और उल्टी की समस्या से राहत पाई जा सकती है. यह पेट संबंधित समस्याओं से छुटकारा दिलाने में भी मदद करती है. 

ओरल हेल्थ - इलायची का सेवन माउथ फ्रेशनर के तौर पर किया जाता है. इलायची के सेवन से मुंह में पनपने वाले ऐसे बैक्टीरिया को मारने में मदद मिलती है, जिनकी वजह से मुंह से दुर्गंध आती है.


 

 

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