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तिहाड़ जेल के जेलर की बॉडी से खौफ खाते हैं कैदी! 19 का डोला तो 48 इंच की है छाती

दिल्ली की तिहाड़ जेल के अंदर नौ अलग-अलग जेल हैं. जेल नंबर 3 के जेलर का नाम दीपक शर्मा (Jailer deepak sharma) है. दीपक शर्मा प्रोफेशनल बॉडीबिल्डर हैं और उनकी फिटनेस काफी कमाल की है.

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(Image credit: Instagram/deepaksharma_jailor)
(Image credit: Instagram/deepaksharma_jailor)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जेलर दीपक शर्मा की फिटनेस कमाल है
  • जेलर दीपक शर्मा प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर हैं
  • दीपक शर्मा की फिटनेस कमाल है

दिल्ली की तिहाड़ जेल चर्चा में बनी हुई है. बताया जा रहा है कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश दिल्ली के तिहाड़ जेल में रची गई थी. इस साजिश में तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया है. दिल्ली की तिहाड़ जेल में कई हाई प्रोफाइल कैदियों को भी रखा जाता है. तिहाड़ जेल की जेल नंबर 3 की कमान असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस दीपक शर्मा (Jailor Deepak Sharma) के हाथ में है.  

इससे पहले जेलर दीपक शर्मा दिल्ली की मंडोली जेल के डिप्टी जेल सुपरिटेंडेंट थे. निर्भया कांड के दोषियों को फांसी के समय उनकी नियुक्ति यहां की गई थी. सुपरिटेंडेंट दीपक शर्मा एक प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर हैं और वे कई बॉडी बिल्डिंग कॉम्पिटिशन भी जीत चुके हैं.

बॉडी देख खौफ खाते हैं कैदी

एक इंटरव्यू के दौरान दीपक शर्मा ने  बताया था, मैं 2009 में पुलिस में भर्ती हुआ था. इसके बाद जब मैंने सलमान स्टारर दबंग मूवी देखी तो उनके जैसी पर्सनैलिटी पाने के बाद मैंने बॉडी बनाने का फैसला लिया था.  

अगर आज दीपक शर्मा की फिजिक की बात करें तो अच्छे-अच्छे लोग उनकी फिटनेस के आगे फेल हैं. उनका सीना लगभग 48 इंच तो डोला (बाइसेप्स) 19 इंच का है. इसके अलावा वे अपने बिजी शेड्यूल होने के बाद भी वर्कआउट करना नहीं भूलते.

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2014 में बने प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर

दीपक शर्मा ने प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर के तौर पर 2014 में पहला कॉम्पिटिशन लड़ा था. इसके बाद वे अभी तक कई टाइटल जीत चुके हैं. मिस्टर यूपी, आयरन मैन ऑफ दिल्ली (सिल्वर), मिस्टर हरियाणा, मिस्टर दिल्ली,  स्टील मैन ऑफ इंडिया (सिल्वर मेडल) जैसे कई टाइटल दीपक शर्मा के नाम हैं.

कैदी भी लेते हैं फिटनेस टिप्स

दीपक शर्मा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि कई कैदी उनसे फिटनेस टिप्स भी लेते हैं. जेल में कई एक्टिविटीज भी होती हैं, जिसमें कैदी बढ़-चढ़कर पार्टिसिपेट करते हैं.  कई बार कुछ कैदियों को समझाना काफी मुश्किल होता है लेकिन हमें उसके लिए अलग-अलग इंतजाम करने होते हैं.

पुलिस डिपार्टमेंट देता है छूट

इंटरव्यू के दौरान दीपक ने बताया था कि वे 24 घंटे में कम से कम 3-4 घंटे वर्कआउट करते हैं. प्रोफेशनल बॉडीबिल्डर होने के नाते डिपार्टमेंट से भी उन्हें कुछ घंटे ड्यूटी में छूट मिलती है. लेकिन ड्यूटी के साथ फिटनेस पर भी ध्यान देना काफी मुश्किल हो जाता है. वे ड्यूटी पर अपनी मील (खाना) लेकर जाता हूं, ताकि ड्यूटी और फिटनेस का बैलेंस बना रहे. 

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