गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है. गर्मियों में सनबर्न और टैनिंग की समस्या काफी आम होती है. धूप में बहुत अधिक देर तक रहने के कारण सनबर्न और टैनिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है. लेकिन क्या कभी आपने सन पॉइजनिंग के बारे में सुना है? सन पॉइजनिंग के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं. अक्सर लोग सनबर्न और सन पॉइजनिंग को लेकर काफी ज्यादा कंफ्यूज हो जाते हैं. बता दें कि सनबर्न की तुलना में सन पॉइजनिंग काफी खतरनाक होता है. आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण और खतरे के बारे में विस्तार से-
क्या होता है सन पॉइजनिंग?
सन पॉइजनिंग, सनबर्न का घातक रूप होता है. यह तब होता है जब आप लंबे समय तक सूरज की पैराबैंगनी किरणों के संपर्क में रहते हैं. सन पॉइजनिंग की समस्या होने पर इसे मेडिकल ट्रीटमेंट के जरिए ठीक किया जा सकता है.
सन पॉइजनिंग के लक्षण
सन पॉइजनिंग के लक्षण सभी में अलग-अलग नजर आ सकते हैं. ये हैं सन पॉइजनिंग के आम लक्षण-
- गंभीर रैशेज होना
- स्किन पर फफोले बनना या त्वचा का छिलना
- डिहाइड्रेशन
- मतली
- चक्कर आना
- सांस लेने में दिक्कत
- बेहोश होना
क्या सन पॉइजनिंग से पड़ सकते हैं बीमार?
सन पॉइजनिंग का असर स्किन पर पड़ता है. जब आप लंबे समय तक धूप में रहते हैं तो यूवी किरणें आपकी स्किन को डैमेज कर देती है जिस कारण आपको काफी दर्द और डैमेज का सामना करना पड़ता है. जिससे आपको कमजोरी, थकान, बेहोशी और मतली का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आपको अगर शरीर में इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो जरूरी है कि आप अधिक मात्रा में लिक्विड चीजों का सेवन करें और हाइड्रेटेड रहें. साथ ही स्किन के प्राभावित हिस्से को छूने से बचें.
सन पॉइजनिंग से कैसे बचें
- सनस्क्रीन का प्रयोग करें. एसपीएफ 30 से ऊपर वाले सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करें. धूप में निकलने से कम से कम 15 से 30 मिनट पहले सनस्क्रीन अप्लाई करें. और हर दो घंटे में लगाएं.
- धूप में जाने से पहले पूरे कपड़े पहनें. इसके अलावा सनग्लासेस भी पहनें. धूप में जाने समय टाइट कपड़ों की बजा ढीले-ढाले कपड़े पहनें. साथ ही डार्क रंग के कपड़े पहनने से बचें.
- गर्मियों के दिनों में सुबह 10 बजे से लेकर शाम के 4 बजे के बीच घर से बाहर ना जाने की कोशिश करें.
- नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों को धूप के संपर्क में आने से बचाएं.