गंजापन एक ऐसी समस्या है जो तेजी से बढ़ती जा रही है. बिजी लाइफस्टाइल और पोषक तत्वों से भरपूर चीजों का सेवन ना करने से सेहत के साथ-साथ बालों की हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है. मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि गंजे सिर पर फिर से बाल उगाना भी अब काफी आसान हो गया है. गंजे सिर पर बाल उगाने की इस तकनीक को हेयर ट्रांसप्लांट कहा जाता है.
हाल ही में कानपुर जिले में पनकी प्लांट में सहायक इंजीनियर पद पर कार्यरत विनीत दुबे की हेयर ट्रांसप्लांट के बाद जान चली गई. विनीत गोरखपुर के रहने वाले थे और हाल ही में उन्होंने एचबीटीआई कानपुर से पीएचडी पूरी की थी. हेयर ट्रांसप्लांट के बाद विनीत के पूरे चेहरे पर सूजन आ गई थी. तबियत ज्यादा खराब होने पर विनीत को कानपुर के एक बड़े अस्पताल में भर्ती किया लेकिन इंफेक्शन उनके पूरे शरीर में फैल चुका था जिससे उनकी मौत हो गई.
यह एक ऐसी प्रोसेस है जिससे सिर के पिछले भाग से जहां घने बाल होते हैं वहां से बालों को निकालकर उस ऐरिया में प्लांट कर दिया जाता है जहां पर बाल नहीं हैं. ये प्रक्रिया सुनने में तो काफी आसान महसूस होती है लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स का भी सामना करना पड़ता है. विनीत के अलावा भी कई ऐसे लोग हैं जो हेयर ट्रांसप्लांट के कारण अपनी जान गवां चुके हैं. तो अगर आप भी गंजेपन की समस्या से जूझ रहे हैं और हेयर ट्रांसप्लांट कराने की सोच रहे हैं तो हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में जान लें.
हेयर ट्रांसप्लांट क्या होता है?
हेयर ट्रांसप्लांट के तहत प्लास्टिक या डर्मेटोलॉजिकल सर्जन बालों को सिर के गंजे हिस्से में ट्रांसप्लांट करते हैं. इस प्रक्रिया में सर्जन बालों को सिर के पीछे या किनारे से आगे या सिर के ऊपर ट्रांसप्लांट करते है. हेयर ट्रांसप्लांट आमतौर पर लोकल एनेस्थीसिया के तहत एक मेडिकल ऑफिस में किया जाता है.
कितने तरह का होता है हेयर ट्रांसप्लांट?
हेयर ट्रांसप्लांट दो तरह का होता है- स्लिट ग्राफ्ट और माइक्रोग्राफ्ट. स्लिट ग्राफ्ट में हर ग्राफ्ट 4 से 10 बाल होते हैं. वहीं, कवरेज के आधार पर माइक्रोग्राफ्ट में हर ग्राफ्ट 1 से 2 बाल होते हैं.
किन लोगों को मिलता है हेयर ट्रांसप्लांट का फायदा?
पैटर्न गंजेपन की समस्या से जूझ रहे पुरुष.
महिलाएं, जिनके बाल काफी पतले हो.
जिन लोगों के जलने या चोट लगने की वजह से बाल झड़ गए हो.
हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान किन दिक्कतों का करना पड़ सकता है सामना?
आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स काफी हल्के होते हैं और कुछ हफ्तों के बाद अपने आप ही ठीक हो जाते हैं. इसमें शामिल हैं-
किन लोगों को नहीं कराना चाहिए हेयर ट्रांसप्लांट
हेयर ट्रांसप्लांट के बाद क्या होता है?
आपके स्कैल्प में दर्द हो सकता है, और आपको हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद दवाइयां लेने की जरूरत हो सकती है, जैसे:
अधिकतर लोग हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाने के कुछ दिनों के बाद ही काम पर लौट सकते हैं. सर्जरी के 2 से 3 हफ्तों के बाद ट्रांसप्लांट किए गए बालों का गिरना आम होता है क्योंकि इससे नए बाल उगते हैं. ज्यादातर लोगों के 8 से 12 महीने के बाद नए बाल उगना शुरू हो जाते हैं.
हेयर ट्रांसप्लांट करवाते समय क्या ध्यान रखना चाहिए