scorecardresearch
 

बच्चों को कब और किस उम्र से खिलाना शुरू करें घी? जानें इसके फायदे

 प्रोसेस्ड ऑयल्स की तुलना में घी में शॉर्ट-चेन और मीडियम-चेन फैटी एसिड होते हैं जो आपको तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं और मेटाबॉलिक एक्टिविटी को सपोर्ट करते हैं.  लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या घी बच्चों के फायदेमंद होता है या नहीं और बच्चों को किस उम्र से घी खिलाना चाहिए?

Advertisement
X

Health benefits of ghee for kids: देसी घी को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. आयुर्वेद में भी देसी घी का इस्तेमाल खाने के साथ ही औषधि के रूप में भी किया जाता है.  देसी घी में जरूरी फैटी एसिड के साथ ही, हेल्दी फैट, विटामिन ए, डी, ई और के और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं.

 प्रोसेस्ड ऑयल्स की तुलना में घी में शॉर्ट-चेन और मीडियम-चेन फैटी एसिड होते हैं जो आपको तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं और मेटाबॉलिक एक्टिविटी को सपोर्ट करते हैं.  लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या घी बच्चों के फायदेमंद होता है या नहीं और बच्चों को किस उम्र से घी खिलाना चाहिए?

क्या बच्चों के लिए सुपर फूड होता है देसी घी?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक,  देसी घी में खई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चों की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए फायदेमंद माना जाता है. बच्चों को घी खिलाना जन्म के 6 महीने के बाद कर सकते हैं. आप बच्चे का खाना देसी घी में बना सकते हैं. आइए जानते हैं क्यों देसी घी बच्चों के लिए सुपर फूड माना जाता है.

पोषक तत्वों से भरपूर- घी में फैट सॉल्युबल विटामिन ए, डी, ई और के होते हैं, जो हड्डियों की मजबूती, इम्यूनिटी और ओवरऑल ग्रोथ के लिए जरूरी माना जाता है.

एनर्जी बूस्टर- तेजी से ग्रोथ के कारण बच्चों को वयस्कों में एनर्जी की जरूरत काफी ज्यादा होती है. इसलिए घी उनकी एक्टिविटी के लिए इंस्टेंट एनर्जी बूस्टर का काम करता है.

ब्रेन डेवलपमेंट को सपोर्ट करे-  घी में मौजूद ओमेगा-3 और ओमेगा-9 फैटी एसिड मस्तिष्क के विकास में सहायता करते हैं और याददाश्त में सुधार करते हैं.

पाचन में सुधार- घी में ब्यूटिरिक एसिड होता है, जो गट हेल्थ को सपोर्ट करता है और बेहतर पाचन में मदद करता है.

बच्चों को कैसे और कितनी मात्रा में खिलाएं घी?

आइए जानते हैं किस उम्र के बच्चों को कितनी मात्रा में घी खिलाना चाहिए-

6-9 महीने के बच्चों को- एक चौथाई घी दिन में दो बार.

9-12 महीने के बच्चों को- आधा टीस्पून दिन में दो बार.

एक साल से बढ़े बच्चे को- एक चौथाई टीस्पून दिन में दो बार.

Live TV

Advertisement
Advertisement