करवा चौथ (Karwa chauth 2020) का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. ये व्रत शादीशुदा महिलाएं या कुंवारी महिलाएं पति या मंगेतर के लिए रखती हैं. व्रत के नियम काफी ज्यादा कठिन हैं और महिलाओं को पूरे दिन भूखा-प्यासा रहकर ये व्रत रखना पड़ता है. प्री हेल्थ कंडीशन (Pre health conditions) को ध्यान में रखते हुए हेल्थ एक्सपर्ट कुछ महिलाओं को ये व्रत न रखने की सलाह देते हैं.
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ऐलोपैथी चिकित्सक के मुताबिक, यदि किसी महिला को डायबिटीज की शिकायत है तो उन्हें ये व्रत नहीं रखना चाहिए. पूरे दिन भोजन और जल ग्रहण किए बगैर रहने से वे हाइपोग्लाइसेमिया की शिकार हो सकती हैं.
यदि किसी महिला को हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर की समस्या है तो उन्हें भी व्रत न रखने की सलाह दी जाती है. बीपी के मरीज को व्रत रखने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि लंबे समय तक भूखा रहने से बीपी में उतार-चढ़ाव हो सकता है. बीपी का कंट्रोल पूरी तरह से दवाओं और डाइट पर निर्भर होता है.
गंभीर रूप से बीमार किसी भी महिला को ये व्रत बिल्कुल नहीं रखना चाहिए. ऐसे में अगर किसी महिला का इलाज चल रहा है या वो किसी तरह की दवा का सेवन कर रही हैं तो उन्हें भी व्रत नहीं रखना चाहिए. ऐसा करना सेहत के साथ खिलवाड़ हो सकता है.
गर्भ में पल रहे बच्चे और मां दोनों के लिए घंटों तक भूखा रहना सही नहीं है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को भी करवा चौथ का व्रत न रखने की सलाह दी जाती है. नवजात शिशु को स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी ऐसा करने से बचें. ऐसी महिलाओं को थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद एक तय मात्रा में कैलोरी या पोषक तत्वों की जरूरत होती है.
खराब हेल्थ कंडीशन या किसी बीमारी के लक्षण दिखने पर व्रत रखने से पहले महिलाओं को एक बार डॉक्टर्स से सलाह जरूर लेनी चाहिए. प्री हेल्थ कंडीशन के बारे में जानते हुए डॉक्टर आपको जोखिम उठाने की राय कभी नहीं देंगे. अगर डॉक्टर्स आपको व्रत रखने की अनुमति देते हैं तो वे इसके साथ कुछ सावधानियां बरतने की भी बात जरूर कहेंगे.