महाराष्ट्र के सियासी संकट को लेकर दायर याचिकाओं पर आज सुनवाई होनी है. महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना बागी गुट के 16 विधायकों को अयोग्यता की नोटिस दी थी जिसके खिलाफ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने बागी गुट को राहत देते हुए डिप्टी स्पीकर की नोटिस पर 11 जुलाई तक रोक लगा दी थी.
सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले में सुनवाई होनी है. इस याचिका के बाद अगस्त महीने की शुरुआत से अब तक उद्धव ठाकरे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं. उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी बाकी है. कोर्ट ने ये कहकर सुनवाई टाल दी थी कि महाराष्ट्र से जुड़ी सभी याचिकाओं पर सुनवाई 11 जुलाई को होगी.
सुप्रीम कोर्ट की अवकाश कालीन पीठ ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई 11 जुलाई को करने का आदेश दिया था. अब उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर तीन याचिकाओं पर सुनवाई आज होगी भी, इसे लेकर संदेह की स्थिति बन गई है. ऐसा इसलिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में जिन मामलों की आज सुनवाई होनी है, उनकी लिस्ट में उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिकाओं का जिक्र नहीं है.
उद्धव गुट के सूत्रों ने कहा...
कहा जा रहा है कि आज सुबह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए महाराष्ट्र के मामले मेंशन किए जा सकते हैं. इसे लेकर उद्धव ठाकरे गुट के सूत्रों का कहना है कि सुनवाई के लिए ये मामले मेंशन नहीं हुए तो कपिल सिब्बल इस मामले में शीघ्र सुनवाई की गुहार सीजेआई की अदालत के सामने लगा सकते हैं. उद्धव ठाकरे गुट के सूत्रों ने ये साफ कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए मामलों के मेंशन न होने की स्थिति में वे इसे अर्जेंट बताते हुए तत्काल सुनवाई की मांग करेंगे.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाई थी. बाद में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों ने बगावत कर दी और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद शिवसेना के बागी विधायकों के गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर सरकार बना ली.
16 बागी विधायकों की अयोग्यता सबसे बड़ा मुद्दा
सबसे बड़ा मुद्दा तो 16 बागी विधायकों की अयोग्यता को लेकर चल रहा है. जब से एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थक विधायकों के साथ मिलकर उद्धव सरकार को गिराया था, उन पर अयोग्यता की तलवार लटक रही है. पहली सुनवाई के दौरान तो बागी विधायकों को 11 जुलाई तक का अतिरिक्त समय मिल गया था, उन पर कोई एक्शन भी नहीं लिया गया, लेकिन अब आज कोई फैसला संभव है. ये एक फैसला ही महाराष्ट्र की राजनीति में कई चीजें तय कर जाएगा. अभी तक महाराष्ट्र की नई सरकार ने मंत्रालय नहीं बांटे हैं, कोई मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किया गया है.
ऐसी खबर है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कोई स्पष्ट निर्णय नहीं आ जाता, शिंदे सरकार इस पर कोई फैसला नहीं ले पाएगी. ऐसे में इस वजह से भी सुप्रीम कोर्ट में होने वाली आज की सुनवाई मायने रखती है. अगर फैसला एकनाथ शिंदे के पक्ष में आ जाता है तो नई सरकार के लिए ये बड़ी राहत रहेगी. मंत्रिमंडल विस्तार भी हो जाएगा और अयोग्यता की जो तलवार लटक रही है, उससे भी मुक्ति मिल जाएगी.
इस सब के अलावा उद्धव ठाकरे के लिए भी आज की सुनवाई आगे की राह तय करने वाली है. असल में शुक्रवार को दायर हुई याचिका में सिर्फ राज्यपाल के फैसले को चुनौती नहीं दी गई है, बल्कि इस बात पर भी जोर दिया गया है कि राज्यपाल के पास ये ताकत नहीं है कि वे बता पाएं कि कौन सा गुट असल शिवसेना है. ये चुनाव आयोग का कार्यक्षेत्र है और उन्होंने उद्धव ठाकरे को ही शिवसेना का अध्यक्ष माना है. ऐसे में कल जब सुनवाई होगी, तब इस पहलू पर भी जमकर बहस होती दिख सकती है और इस पर सुप्रीम कोर्ट का क्या रुख रहता है, ये शिवसेना और उद्धव ठाकरे के भविष्य के लिए काफी मायने रखने वाला है.