कोरोना को लेकर दायर की गई एक याचिका (Petition) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह महज प्रचार के लिए दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना के पीछे कोई न कोई रहस्य तो है. ऐसी सोच रखने वाले हर व्यक्ति को याचिका दायर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
इस टिप्पणी के साथ ही कोर्ट ने उस जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि चीन जैविक हथियार के रूप में वायरस का जान-बूझकर प्रसार कर रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील कृष्णा स्वामी धनबालन की याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह महज प्रचार के लिए दायर की गई है. धनबालन ने इस रिट में अपनी पैरवी खुद की थी. सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई और कहा कि क्या यह अदालत का काम है कि वह देखे कि अंतरराष्ट्रीय प्रभाव क्या है. चीन नरसंहार कर रहा है या नहीं.
कोर्ट ने कहा कि यह किस तरह की याचिका है. क्या चल रहा है? ऐसा लगता है कि आपने यह याचिका महज अदालत के सामने पेश होने के लिए दायर की और कुछ नहीं.
ये कहते हुए कोर्ट ने खारिज कर दी याचिका
याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिका में आरोप लगाया गया है कि चीन जानबूझकर covid-19 को जैविक हथियार के रूप में फैला रहा है और अदालत को इस संबंध में सरकार को कुछ आदेश जारी करना चाहिए. कार्रवाई करना सरकार का काम है.