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सुप्रीम कोर्ट से गुहार: धर्मस्थल सामूहिक कब्रों पर बने SIT, रिटायर्ड जज करें निगरानी

एडवोकेट रोहित पांडे ने धर्मस्थल सामूहिक कब्रों के मामले में सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर स्वतः संज्ञान लेने की मांग की है. उन्होंने SIT की जांच को रिटायर्ड जज की निगरानी में कराने, शवों के उत्खनन की प्रक्रिया कोर्ट मॉनिटरिंग में करने और गवाहों व पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है.

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सुप्रीम कोर्ट (Photo: PTI)
सुप्रीम कोर्ट (Photo: PTI)

कर्नाटक के धर्मस्थल में कथित सामूहिक कब्रों के मामले में सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की मांग की गई है. एडवोकेट रोहित पांडे ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर मामले पर तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है. पांडे ने कहा है कि पहले से जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) को सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की निगरानी में काम करना चाहिए ताकि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी हो सके.

एडवोकेट पांडे का आरोप है कि SIT पर दबाव बनाया जा रहा है कि आगे शवों को न निकाला जाए जबकि घटनास्थल पर सबूत साफ नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मदद कर रहे वकीलों को पुलिस द्वारा परेशान किया जा रहा है.

धर्मस्थल में कथित सामूहिक कब्रों का मामला

पत्र में कहा गया है कि यह मामला न्याय के लिए गंभीर खतरा है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट को तुरंत हस्तक्षेप करते हुए न्यायिक निगरानी में शवों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू करानी चाहिए. साथ ही गवाहों, पीड़ित परिवारों और मदद करने वाले वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की मांग की गई

पांडे ने मांग की है कि जांच की पूरी प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट की नजर हो ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही या पक्षपात से बचा जा सके. मामले की गंभीरता को देखते हुए इस पर जल्द कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है.

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