टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य रहीं वंदना कटारिया पर उत्तराखंड सरकार की ओर से इनामों की बौछार हो रही है. उत्तराखंड सरकार ने वंदना को 25 लाख का इनाम दिया है. साथ ही, 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान और महिला सशक्तीकरण अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया है.
इसके अलावा, उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ अवॉर्ड तीलू रौतेली से भी उन्हें सम्मानित करने का ऐलान किया गया. यह अवॉर्ड महिलाओं को अपने कार्यक्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए दिया जाता है. राज्य के खेल मंत्री ने वंदना कटारिया के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की. वंदना के घर पहुंचने पर सरकार द्वारा उनको सम्मानित किया गया.
वंदना कटारिया उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के साथ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एम्बेसडर होंगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को इसकी घोषणा की. इसके अलावा, 25 लाख की राशि वंदना को उत्तराखंड सरकार देगी. एक निजी कॉलेज ने भी 11 लाख रुपये देने की घोषणा की है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीलू रौतेली पुरस्कार एवं ‘आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार हेतु चयनित राज्य की महिलाओं को सम्मानित किया. इस साल 22 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार एवं 22 महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्त करने वालों को 31 हजार रुपये की सम्मान धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया, जबकि आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार के तहत 21 हजार रुपये की सम्मान राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया.
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में हर क्षेत्र में मातृ शक्ति की बड़ी भूमिका रही है. अलग राज्य निर्माण की मांग हेतु महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने मातृ शक्ति को नमन करते हुए कहा कि कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना शुरू की गई है, जो लोग सीमित संसाधन होने पर बड़ी उपलब्धि हासिल करते हैं उनकी अलग ख्याति होती है.
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उत्तराखंड की वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली राज्य की चयनित महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार एवं आंगनबाड़ी में अच्छा कार्य करने वाली महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. मात्र 15 वर्ष की आयु में ही वे रणभूमि में कूद पड़ी थीं. उन्होंने बहुत कम आयु में सात युद्ध लड़े. यह दिन प्रदेश की महिलाओं को सम्मानित करने का सबसे अच्छा दिन है. तीलू रौतेली ने जिस वीरता का परिचय दिया, आज यह हमारे सामने एक इतिहास है.