नेतृत्व परिवर्तन को लेकर महीनों से चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. राज्य के मुख्यमंत्री के पद की दौड़ में केंद्रीय मंत्री हरीश रावत सबसे आगे हैं.
राज्यपाल अज़ीज़ कुरैशी को अपना इस्तीफा सौंपने के लिए राजभवन जाने से कुछ ही देर पहले बहुगुणा ने कहा कि वह पार्टी आलाकमान के निर्देश पर इस्तीफा दे रहे हैं.
हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और राजनीतिज्ञ बहुगुणा ने संवाददाताओं को बताया, ‘पार्टी आलाकमान के आदेशानुसार मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं. शनिवार को विधायकों की एक बैठक होगी और मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अधिकृत करने के उद्देश्य से वह सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करें.’
केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी और अंबिका सोनी केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर शनिवार को यहां पहुंच कर सुनिश्चित करेंगे कि नेतृत्व परिवर्तन निर्बाध तरीके से हो. पार्टी महासचिव अंबिका सोनी पार्टी में उत्तराखंड मामलों की प्रभारी हैं.
जून में उत्तराखंड में भीषण बारिश और अचानक बाढ़ आने से हजारों लोगों की मौत हो गई थी. इस प्राकृतिक आपदा के संदर्भ में बहुगुणा के नेतृत्व कौशल को लेकर सवाल उठ रहे थे और महीनों से अटकलें चल रही थीं कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया जाएगा. राज्य में पिछले साल 16 और 17 जून को आई प्राकृतिक आपदा के बाद बचाव एवं राहत अभियान चलाने में बहुगुणा की ओर से चार से पांच दिन के कथित विलंब को लेकर मुख्यमंत्री की व्यापक आलोचना हुई और पार्टी आलाकमान को उनके विकल्प की तलाश पर पुन:विचार करना पड़ा.
आखिर किन परिस्थितियों के चलते बहुगुणा को इस्तीफा देना पड़ा. इसके जवाब में उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, ‘यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे देश की सेवा करने का अवसर मिला और राज्य के विकास के लिए मुझसे जो कुछ हो सकेगा, मैं करूंगा.’