scorecardresearch
 

'आप मेरे लिए श्रीकृष्ण जैसे...', धराली में पीड़ित महिला ने अपनी साड़ी फाड़कर CM पुष्कर सिंह धामी को बांधी राखी

धराली में आई भीषण आपदा के दौरान एक मार्मिक दृश्य सामने आया, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे थे. अहमदाबाद से गंगोत्री दर्शन को आई धनगौरी बरौलिया और उनका परिवार आपदा में फंस गया था. लेकिन मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चलाए गए राहत कार्यों से उन्हें सुरक्षित निकाला गया. धनगौरी ने मुख्यमंत्री की कलाई पर अपनी साड़ी का किनारा फाड़कर राखी बांधी और धन्यवाद किया.

Advertisement
X
आपदा से बचने के बाद महिला ने सीएम धामी को बांधी राखी (Photo: X/@pushkardhami/)
आपदा से बचने के बाद महिला ने सीएम धामी को बांधी राखी (Photo: X/@pushkardhami/)

उत्तरकाशी के धराली में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने शुक्रवार को ऐसा दृश्य आया, जिसने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया.

अहमदाबाद के ईशनपुर की रहने वाली धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन के लिए आई थीं. 5 अगस्त को धराली में आई भीषण आपदा ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी. अचानक आए मलबे और तेज बहाव से मार्ग पूरी तरह बंद हो गया और वे अपने परिवार सहित फंस गईं. चारों ओर तबाही का मंजर, भय और अनिश्चितता का माहौल था. घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर, किसी को नहीं पता था कि अब आगे क्या होगा.

इसी दौरान मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू हुआ. रेस्क्यू टीमों ने कठिन परिस्थितियों में भी लगातार प्रयास कर धनगौरी और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला. भय से कांपते चेहरों पर पहली बार राहत की मुस्कान आई.

शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री धामी तीन दिन से लगातार ग्राउंड जीरो पर डटे रहकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे थे, तो धनगौरी अपनी कृतज्ञता रोक नहीं सकीं. उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन उन आंसुओं में डर नहीं, भरोसा था. वे आगे बढ़ीं, अपनी साड़ी का किनारा फाड़ा और उसका एक टुकड़ा राखी के रूप में मुख्यमंत्री की कलाई पर बांध दिया.

Advertisement

राखी बांधते हुए उन्होंने भावुक होकर कहा, “मेरे लिए मुख्यमंत्री धामी भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं, जिन्होंने न केवल मेरी, बल्कि यहां मौजूद सभी माताओं-बहनों की एक भाई की तरह रक्षा की है. वे तीन दिनों से हमारे बीच रहकर हमारी सुरक्षा और जरूरतों का ध्यान रख रहे हैं.”

यह भी पढ़ें: धराली में बचाव और राहत कार्य जारी, "कोई होटल से कूदा, कोई मंदिर में होने की वजह से बचा... धराली आपदा से ज़िंदा बचे लोगों ने सुनाई आपबीती

यह केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं था, बल्कि उसमें एक बहन का विश्वास, अपनत्व और अपने रक्षक भाई के लिए अटूट स्नेह पिरोया हुआ था. मुख्यमंत्री धामी ने भी उनका हाथ थामते हुए आश्वस्त किया कि एक भाई के रूप में वे हर परिस्थिति में आपदा से प्रभावित बहनों के साथ खड़े रहेंगे और प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी.

धराली की कठिन परिस्थितियों में बहन-भाई के इस रिश्ते का यह मार्मिक पल वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर गया. आपदा के मलबे के बीच जन्मा यह अपनत्व का दृश्य मानवता, संवेदनशीलता और भाईचारे की सबसे सुंदर मिसाल बन गया.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement