उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि जिसने भी इस रेस्क्यू में अपना योगदान दिया है, सभी इसके हीरों हैं. साथ ही ये बाबा बौखनाथ की भूमि है, उनकी कृपा से ये अभियान सफल हुआ है. ये बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण था.
सीएम धामी ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान कई बाधाएं आईं. हम जैसे मजदूरों के नजदीक पहुंचते थे, वैसे ही बहुत बड़ी चुनौती सामने आ जाती थी, हम फिर पीछे हो जाते थे. लेकिन हम फिर उठते थे और आगे बढ़ते थे. इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में पीएम मोदी ने हमें लगातार हौसला बढ़ाया. वह रोजाना इस रेस्क्यू ऑपरेशन की अपडेट लेते थे, सभी बारीक जानकारी लेते थे, फिर हमें गाइड करते थे.
सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी सुरंग में फंसे मजदूरों को लेकर बहुत चिंतित थे, वह पूछते थे कि उनसे बात हो पा रही है या नहीं, मजदूरों के परिजनों के रहने की कैसी व्यवस्था है, उनके खाने की क्या व्यवस्था है. साथ ही पीएम मोदी पूछते थे कि कौन सी मशीनें काम कर रही हैं, कौन से टेक्नीशियन काम कर रहे हैं. कितनी प्रोग्रेस हुई है, वह प्रत्येक दिन के रेस्क्यू की अपडेट लेते थे. पीएम मोदी जिस तरह से हौसलाअफजाई करते थे, उससे पूरे सिस्टम में एक एनर्जी पैदा होती थी.
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी का कहना था कि किसी भी तरह से सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालना है. पीएम के मार्गदर्शन की वजह से टीमें इस चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को पूरा करने में सफल रहीं. उन्होंने कहा कि आपदा के जितने भी उपकरण हो सकते हैं, ये सभी उपकरण पीएम मोदी की वजह से ही साइट तक पहुंच सके. साथ ही कहा कि जब-जब रेस्क्यू ऑपरेशन किसी कारणवश रुका तो पीएम मोदी ने खुद मॉनीटरिंग की. जहां समन्वय की जरूरत पड़ी, वहां कॉर्डिनेशन भी हो गया. इस काम में PMO भी लगा हुआ था.
बता दें कि केंद्र की महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था. इसमं 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें 400 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मंगलवार शाम को बाहर निकाला गया. उन्हें चिन्याली-सौढ़ के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां उनके लिए बनाए गए एक विशेष वार्ड में उन्होंने निगरानी में रात बिताई. आज दोपहर को उन्हें एम्स में मेडिकल जांच के लिए हवाई मार्ग से ऋषिकेश ले जाया गया.