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आगरा: कुत्ता पालना है तो पड़ोसी से लेना होगा सर्टिफिकेट? पशु प्रेमी भड़के

उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में कुत्ता पालना अब आसान नहीं होगा. कुत्ता पालने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन तो करवाना ही होगा. इसके साथ ही कुछ नए नियम भी बनाए जा रहे हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कुत्ता पालने को लेकर बन रही हैं गाइडलाइंस
  • पड़ोसी से एनओसी के प्रावधान पर है सबसे ज्यादा आपत्ति

ताजनगरी आगरा में कुत्ता पालना अब आसान नहीं होगा. कुत्ता पालने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन तो करवाना ही होगा. इसके साथ ही पड़ोसी से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के प्रावधान पर चर्चा हो रही है. हालांकि पेट लवर्स इससे नाराज हैं और अभी से इसके खिलाफ सक्रिय हो गए हैं. 

आगरा के नगर आयुक्त निखिल फुंडे का कहना है कि नियमावली लागू होने के बाद विस्तृत जानकारी दी जाएगी. नए नियम की जानकारी के बाद पेट लवर्स में नाराजगी है. पेट लवर्स मानते हैं कि रजिस्ट्रेशन करवाना तो फिर भी ठीक है लेकिन पड़ोसी की एनओसी लेने की प्रक्रिया ठीक नहीं है, इसे लागू नहीं होना चाहिए.

ताजनगरी की तमाम एनजीओ ने भी इस विषय पर एडब्ल्यूबीआई (एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया) व फिआपो (फैडरेशन ऑफ इंडियन एनीमल प्रोटेक्शन ऑर्गनाइजेशन) में आपत्तियां दर्ज कराई हैं. फिआपो की लीगल एडवाइजर दीपिका ने विज्ञप्ति में बताया कि आगरा नगर निगम के सम्बंधित अधिकारियों ने कहा है कि कोई भी नियम एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया के विरुद्ध नहीं किया जाएगा.  

कैस्पर्स होम की निदेशक विनीता अरोरा ने कहा कि पालतू जानवरों का रजिस्ट्रेशन करना गलत नहीं है, लेकिन बेवजह के नियम बनाकर नगर निगम पशुप्रेमियों को परेशान करने का काम न करे. एडब्ल्यूबीआई के नियमानुसार मकान मालिक को भी अपने किराएदार को भी पालतू पशु पालने से रोकने का अधिकार नहीं है, जब तक की उससे किसी तरह का नुकसान न हो रहा है. 
 

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डॉग एंड कैट हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. संजीव नेहरू ने भी पड़ोसियों की एनओसी लेने के नियम पर आपत्ति उठाई है. उनका कहना है कि ऐसा करना आसान नहीं होगा, जिन पेट लवर्स को पड़ोसियों की एनओसी नहीं मिलेगी वह पेट नहीं पाल पाएंगे. उत्तर प्रदेश सरकार की नई नियमावली के अनुसार पेट पालने के लिए पड़ोसी की एनओसी लेनी पड़ेगी. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुत्ता पालने वालों के साफ-सफाई को लेकर सख्त हिदायत दी है. सीएम के आदेश के बाद कुत्ता पालने वालों ने कहा कि हम तो अपने तरीके से इसका रख रखाव और पोटी घर के अंदर करा लेंगे लेकिन उन आवारा कुत्तों का क्या? जिनकी वजह से दुर्घटनाएं होती है. उनके आड़ में हमे टारगेट बनाया जा रहा है.

गोरखपुर नगर निगम के नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि शासन की तरफ से जो निर्देश आया है, उसका हम पालन करा रहे हैं, अभी पहला फेज है इसलिए पहले फेज में हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं और उन लोगों से कहते हैं कि जो मॉर्निंग में अपने पालतू कुत्तों को टहलाने के लिए ले जाते हैं, वह अपने साथ एक बैग रखें गल्प्स रखें.

नगर आयुक्त ने कहा कि अक्सर सुनने में आता है कि लोग सुबह-सुबह जब टहलने निकलते हैं तो बहुत से पालतू कुत्ते खुले होते हैं, जो किसी को दौड़ा लेते हैं, काट लेते हैं, इससे भी कई बार घटनाएं हो जाती है, इसलिए जो भी लोग अपने कुत्तों को ठहराने के लिए लेकर निकलते हैं, उनके गले में स्पीकर अवश्य लगाएं.

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उन्होंने कहा कि अक्सर आवारा कुत्तों को लेकर भी कई तरह की शिकायत आती है, दुर्घटनाएं होती हैं, कुत्ते कहीं पर किसी को काट लेते हैं, उनके लिए टीम लगाई गई है, हमारी टीम सूचना पाकर मौके पर पहुंचती है और ऐसे आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हें कहीं दूर भेजा जाता है ताकि फिर किसी तरह की कोई घटना ना हो.

 

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