रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) चंदौली में विकास योजनाओं का लोकार्पण शिलान्यास कर रहे थे. इसी दौरान योगी के कार्यक्रम स्थल की तरफ जा रहे सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प हो गई. जिले की समस्याओं को लेकर सपा नेता सीएम को ज्ञापन देने जा रहे थे. उन्हें पुलिस ने सभा स्थल की तरफ जाने से रोक लिया. सपा नेताओं और पुलिस के बीच जमकर झड़प और धक्का मुक्की हो गई. मामले का वीडियो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर करते हुए तंज कसा है. उन्होंने लिखा है कि लाल टोपी वाले अपनी ट्रेनिंग का एक छोटा सा नमूना दिखाते हुए.
लाल टोपी वाले अपनी ट्रेनिंग का एक छोटा सा नमूना दिखाते हुए… pic.twitter.com/ZI1rapQg1X
— Swatantra Dev Singh (@swatantrabjp) December 5, 2021
सपा के सकलडीहा से एमएलए प्रभु नारायण यादव ने डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह के सिर में अपना सिर टकराया. इसके बाद जमकर हंगामा हो गया. सपा नेताओं ने पुलिस पर बदसलूकी करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चंदौली के रामगढ़ में सभा हो रही थी.
सैकड़ों की तादाद में मौजूद सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुलिस टीम के साथ जमकर धक्का मुक्की की. सकलडीहा के समाजवादी पार्टी के विधायक प्रभु नारायण यादव ने सकलडीहा के डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह के साथ हाथापाई की. डिप्टी एसपी के सिर में अपने सिर से टक्कर भी मारी.
पुलिस ने रास्ते में रोककर मांगा था ज्ञापन
दरअसल आज चंदौली के रामगढ़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का दौरा होना था. समाजवादी पार्टी के सकलडीहा के विधायक प्रभु नारायण यादव और उनके साथ सैकड़ों की तादात में समर्थक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिले की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन देने जाना चाह रहे थे. सपा कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल तक जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम स्थल से कुछ किलोमीटर दूर रोक दिया. उनसे ज्ञापन की मांग की. इस पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भड़क गए और पुलिस के साथ जमकर धक्का-मुक्की की.
सपा नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल तक नहीं जाने दिया. पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट भी की. इस दौरान मामला हाथ से निकलते देख पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज भी किया. बाद में काफी समझाने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपना मांगपत्र जिले के अधिकारियों को सौंपा और वापस चले गए.