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जाने-माने लेखक केपी सक्‍सेना का निधन

महान साहित्यकार, लेखक और कवि केपी सक्सेना का लखनऊ के एक निजी अस्पाल में गुरुवार सुबह निधन हो गया. 80 साल के केपी सक्सेना कैंसर से पीड़ित थे. उनके निधन पर साहित्य जगत में शोक की लहर फैल गई.

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महान साहित्यकार, लेखक और कवि केपी सक्सेना का लखनऊ के एक निजी अस्पाल में गुरुवार सुबह निधन हो गया. 80 साल के केपी सक्सेना कैंसर से पीड़ित थे. उनके निधन पर साहित्य जगत में शोक की लहर फैल गई.

राजधानी के कई कलाकार और लेखक उनको श्रद्धांजलि देने के लिए अस्पताल पहुंचे. केपी सक्सेना ने कई सफल फिल्मों की कहानियां लिखीं. इनमें लगान, जोधा-अकबर, स्वदेश सबसे ज्‍यादा सफल रही. केपी सक्सेना ने बीबी नतियोवाली सीरियल के लिए भी कहानी लिखी, जो पहला टीवी सीरियल था.

2003 में इन्‍हें पद्मश्री से नवाजा गया. उन्होंने कई नाटक भी लिखे. साथ ही उन्होंने बॉटनी पर 20 से अधिक किताबें भी लिखी थीं.

राजधानी के साहित्यकारों और कलाकारों का कहना है कि केपी सक्सेना के जाने से साहित्य जगत में जो स्थान खाली हुआ है, उसे भरा नहीं जा सकता. केपी सक्सेना का अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह लखनऊ में किया जाएगा. सक्सेना लखनऊ के इंदिरानगर इलाके में रहते थे और पिछले कुछ दिनों से कैंसर से जूझ रहे थे. गुरुवार तड़के उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.

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लेखक-साहित्‍यकार उर्मिल थापरियाल ने कहा, 'उनका कहना था कि अगर खुद को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर का बनाना है, तो अपनी स्थानीयता बना के रखो. उन्होंने अपने संवाद में आम लोगों की भाषा का ज्यादा ध्यान रखा.

फिल्‍म कलाकार अनिल रस्तोगी ने कहा, 'वे व्यंग्‍यकार, लेखक, कवि और संवाद लेखक थे. वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. मैंने उनको एक मित्र की तरह ज्यादा जाना है. वे एक बहुत अच्छे इंसान थे'.

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