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कोरोना के चलते नोएडा के लुक्सर जेल से 218 कैदियों को दिया गया पेरोल

कोरोना के कारण नोएडा जिला जेल से 5 मई को एक कैदी, 6 मई को चार कैदी, 7 मई को 56 कैदी, 10 मई को 43 कैदी, 11 मई को 11 कैदी तथा 13 मई को 85 कैदी रिहा किए गए हैं.

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नोएडा जिला जेल
नोएडा जिला जेल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नोएडा जेल में बंद हैं 2800 कैदी
  • जेल में कोरोना विस्फोट का खतरा

उत्तर प्रदेश के जेलों में कोरोना विस्फोट का खतरा मंडरा रहा है. इस वजह से जेलों की क्षमता कम की जा रही है. उन कैदियों को पेरोल दिया जा रहा है, जो 7 साल या 7 साल से कम की धारा में जेल के अंदर बंद हैं. इसके तहत गौतम बुद्ध नगर जेल से 5 मई से 13 मई तक 218 बंदियों को रिहा किया गया है.

गौतमबुद्धनगर स्थित लुक्सर जेल के सुपरिटेंडेंट बी एस मुकुंद ने बताया कि कोविड 19 के समय में सुप्रीम कोर्ट ने एक हाई पॉवर कमेटी गठित की है, जिसने यह निर्णय लिया है कि कोविड-19 के संक्रमण काल में 7 वर्ष या 7 वर्ष से कम सजा की धारा में जेल में बंद कैदियों को 2 माह के लिए पेरोल पर छोड़ा जाए.

जिन कैदियों की 7 वर्ष या 7 वर्ष से कम की सजा कोर्ट द्वारा दी गयी है, वे भी 2 माह के लिए पेरोल पर छोड़े जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए कैदियों को एक आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में देना होता है. वहां पर वर्चुअल सुनवाई के दौरान न्यायालय यह तय करती है कि किन-किन कैदियों को छोड़ना है और किनको नहीं.

इसके तहत 5 मई को एक कैदी, 6 मई को चार कैदी, 7 मई को 56 कैदी, 10 मई को 43 कैदी, 11 मई को 11 कैदी तथा 13 मई को 85 कैदी रिहा किए गए हैं. जेल के सुपरिटेंडेंट बीएस मुकुंद ने बताया कि अब तक कुल 218 बंदियों को जेल से परोल पर रिहा किया गया है. जेल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि लुक्सर जेल में 2,800 कैदी बंद है.

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