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नोएडा में इंडस्ट्री को चुटकियों में मिलेंगे प्लॉट, नौकरियों और निवेश की लगेगी झड़ी

प्राधिकरण बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया है कि मेगा, मेगा प्लस और सुपर मेगा कैटेगरी की कंपनियों को नोएडा में बेहद कम समय में भूखंडों का आवंटन मिलेगा. जिसकी वजह से नोएडा शहर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

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नोएडा विकास प्राधिकरण के बोर्ड की बैठक में बड़ा फैसला (फाइल फोटो)
नोएडा विकास प्राधिकरण के बोर्ड की बैठक में बड़ा फैसला (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मेगा, मेगा प्लस और सुपर मेगा कैटेगरी की कंपनियों को मिलेगा फायदा
  • नोएडा में बेहद कम समय में भूखंडों को मिलेगा आवंटन
  • वॉटर और सीवर चार्ज पर 50% तक छूट

सोमवार को नोएडा विकास प्राधिकरण के बोर्ड की 201वीं बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर की सामाजिक संस्थाओं की ओर से दिए गए ज्ञापन पत्र पर संज्ञान लेते हुए वॉटर और सीवर चार्जेस पर लगने वाले पेनल्टी व ब्याज को कम करने का प्रस्ताव बोर्ड के सामने रखा, जिसे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. इस प्रस्ताव के तहत पेनल्टी और ब्याज पर 50 फीसदी तक की राहत शहर के लोगों को मिलेगी. 

प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी का कहना है कि इससे नोएडा के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों आवंटियों को बड़ा फायदा मिलेगा.

ऋतु माहेश्वरी ने बताया कि औद्योगिक संगठनों और आम लोगों की मांग पर 3 महीने के लिए एमनेस्टी स्कीम का प्रस्ताव बोर्ड के सामने रखा गया था, जिसे मंजूरी मिल गई है. अगर कोई आवंटी 31 दिसंबर 2020 तक की जल प्रभार राशि 31 जनवरी तक जमा करता है तो उसे ब्याज पर 40% छूट भी दी जाएगी. 1 फरवरी से 28 फरवरी के बीच धनराशि जमा करने पर 30% छूट मिलेगी, जबकि 1 मार्च से 31 मार्च तक पैसा जमा करने वालों को 20% की छूट दी जाएगी.

प्राधिकरण बोर्ड बैठक में यह फैसला लिया गया है कि मेगा, मेगा प्लस और सुपर मेगा कैटेगरी की कंपनियों को नोएडा में बेहद कम समय में भूखंडों का आवंटन मिलेगा. जिसकी वजह से नोएडा शहर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा. इस प्रोजेक्ट में युवाओं को बड़ी संख्या में नौकरी और रोजगार मिलेंगे.

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बैठक में यह भी फैसल लिया गया कि नोएडा विकास प्राधिकरण अब उस इंडस्ट्री को मेगा कैटेगरी में मानेगा, जो शहर में 200 करोड़ रुपए का कम से कम निवेश करेगी. 500 करोड़ रुपए तक का पूंजी निवेश और 1000 से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली कंपनी को इस श्रेणी में शामिल किया गया है.

नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने बताया कि नोएडा शहर में 500 करोड़ से ज्यादा और 1000 करोड़ रुपए से कम निवेश करने वाली कंपनी को मेगा प्लस इंडस्ट्री माना जाएगा. जिन कंपनियों में 2,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेंगे, वह इस श्रेणी में शामिल की जाएंगी. 

इसी तरह औद्योगिक गतिविधियों में 1000 करोड़ रुपए से अधिक पूंजी निवेश या 4000 से अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाली कंपनियों को सुपर मेगा कैटेगरी में शामिल किया गया है.

बता दें, बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त और प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन ने की. आलोक टंडन के बैठक में नोएडा अथॉरिटी के सीईओ ऋतु महेश्वरी ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण और यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह शामिल हुए.

 

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