बीजेपी से निकाले जाने और लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में दयाशंकर सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने के बावजूद बसपा के कैडर का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है. बसपा सुप्रीमो द्वारा बुधवार को संसद में दी चेतावनी का असर दिखना गुरुवार सुबह से ही शुरू हो गया जब हजारों की तादात में बसपा के कार्यकर्ता लखनऊ के हजरतगंज चौराहे पर पहुंचने लगे. अंबेडकर की मूर्ति के नीचे बसपा के कैडरों ने खूब हंगामा किया. प्रदर्शनकारी 'दयाशंकर कुत्ते को फांसी दो' जैसे आपत्तिनजक नारे लगाते देखे गए.
भारी संख्या में BSP कार्यकर्ता सड़क पर
हाथों में दयाशंकर सिंह को फांसी की मांग को लेकर ये कार्यकर्ता लखनऊ की सड़कों पर थे, गुस्सा कुछ इस कदर था कि सुबह सुबह हजरतगंज चौराहे से गुजर रहे बीजेपी के एक पूर्व विधायक की गाड़ी इन प्रदर्शनकारियों की चपेट में आ गई, गुस्साए बसपा के कार्यकर्ताओं ने गाड़ी पर हमला किया, गाड़ी में लगा बीजेपी के झंडे को नोच डाला और गाड़ी पर झंडों और मुक्के से वार किए, पुलिस किसी तरह भीड़ से बचा कर ले गई.
दयाशंकर की गिरफ्तारी की मांग
बसपा के कैडरों ने भी हाथों में कई आपत्तिजनक तख्तियां ले रखी थी और भीड़ में भी दयाशंकर के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाये जा रहे थे. वहीं बीती रात दया शंकर सिंह के खिलाफ बीएसपी के बड़े नेताओं ने पहले तो आपराधिक मामला दर्ज कराया और बीजेपी ने उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित भी कर दिया. लेकिन चुनावी साल में इससे न तो बसपा के लोगों पर कोई असर पड़ा. गिरफ्तारी के डर से दयाशंकर सिंह फिलहाल फरार हैं.
दरअसल बीजेपी ने पिछले कुछ महीनों में दलितों में अपनी पैठ बनाने को लेकर खासी मशक्कत की थी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कई दलित सम्मेलन किए, दलितों के घर खाना खाया लेकिन उसके एक नेता के बड़बोलेपन ने बीजेपी की मेहनत पर फिलहाल पानी फेर दिया है.