मेरठ के बसपा नेता और पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बुधवार को दो बड़ी फौरी राहत मिलीं. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद कुरैशी परिवार की मीट फैक्ट्री के ध्वस्तीकरण पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने 26 अप्रैल तक ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई है. अब मीट फैक्ट्री के ध्वस्तीकरण मामले में 26 अप्रैल को सुनवाई होगी.
कोर्ट ने आदेश में कहा कि अगली सुनवाई होने तक मीट फैक्ट्री 'मेसर्स अल हसन मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड' की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाई जाती है. बता दें कि याकूब कुरैशी की फैक्ट्री पर प्रशासन की तरफ से बुलडोजर चलाए जाने की तैयारी चल रही थी. कोर्ट का फैसला आने के बाद हाजी को बड़ी राहत मिली है.
गिरफ्तारी को लेकर भी मिली बड़ी राहत
कुरैशी और उनके परिवार को दूसरी बड़ी राहत गिरफ्तारी को लेकर रही. याकूब कुरैशी और परिवार के लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है. दरअसल, सुनवाई करने वाले जज ने खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया है. जिस वजह से मामले की सुनवाई टाल दी गई. बेंच ने मामले को चीफ जस्टिस के पास भेजा है.
हाईकोर्ट में एफआईआर रद्द करने की अर्जी दाखिल की है
अब चीफ जस्टिस द्वारा नामित नई बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी. कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 22 अप्रैल मुकर्रर की है. बता दें कि हाजी याकूब कुरैशी के साथ ही उनकी पत्नी संजीदा बेगम और दोनों बेटों इमरान और फिरोज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस पर हाजी याकूब कुरैशी और उनके परिवार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर FIR रद्द किये जाने की मांग की थी.
यह है पूरा मामला
बता दें कि पुलिस ने हाजी याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री पर छापा मारा था. यहां मीट में फंगस और कीड़े लगे पाए गए थे. ये मीट खाने लायक नहीं था. पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी. मौके से 10 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था. पुलिस का कहना था कि ये फैक्ट्री अवैध तरीके से चल रही थी. इसके अलावा, याकूब का हॉस्पिटल भी सील किया गया था. ये हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित किया जा रहा था.