मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को प्रतापगढ़ में दलित के घर भोजन किया था. इस मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक अखबार की खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया और सीएम योगी पर निशाना साधा.
अखिलेश यादव ने सीएम योगी के कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों की ओर से किए गए कार्यक्रम में बदलाव का जिक्र करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, 'मुख्यमंत्री जी को पट्टी पढ़ा दी गयी और आशाराम के घर को बना दिया गया दयाराम का घर. अब तक ‘आयाराम-गयाराम’ ही चलता था, अब इस सरकार के दौर में ‘आशाराम-दयाराम’ का नया चलन शुरू हुआ है.'
प्रतापगढ़ की पट्टी तहसील में मुख्यमंत्री जी को ही पढ़ा दी गयी पट्टी और आशाराम के घर को बना दिया गया दयाराम का घर. अब तक ‘आयाराम-गयाराम’ ही चलता था, अब इस सरकार के दौर में ‘आशाराम-दयाराम’ का नया चलन शुरू हुआ है. आगे-आगे देखिए होता है क्या... pic.twitter.com/zoG2jpB2jR
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 25, 2018
क्या है पूरा मामला
दरअसल एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक सीएम योगी ने जिसके घर भोजन किया था उनका नाम दयाराम सरोज बताया गया जबकि वह घर दयाराम के भाई लेखपाल आशाराम का था. तय कार्यक्रम के मुताबिक सीएम योगी को आशाराम के घर ही भोजन करना था लेकिन ग्रामीणों ने उनके सरकारी कर्मचारी होने से इसका विरोध किया था.
ग्रामीणों ने क्यों किया विरोध
ग्रामीण ने कहना था कि करोड़पति लेखपाल आशाराम के सीएम नहीं रुकेंगे. इसके बाद अधिकारियों ने ग्रामीणों को बताया कि सीएम लेखपाल आशाराम के घर नहीं, उनके भाई दयाराम के घर भोजन करेंगे. लेखपाल आशाराम और उनके भाई दयाराम के अलग-अलग घर हैं.
दयाराम को घर भोजन की जानकारी मिलने पर ग्राणीणों का गुस्सा शांत को हुए लेकिन सीएम ने भोजना लेखपाल आशाराम के आलीशान मकान में ही किया. सीएम के कार्यक्रम के दौरान लेखपाल की ड्यूटी भी लगा दी गई ताकि ऐसा लगे कि सीएम दयाराम के घर ही भोजन करने जा रहे हैं. लेकिन मंगलवार को इस बात का खुलासा हुआ कि सीएम ने आशाराम के घर ही भोजन किया था.