मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्री इन दिनों ग्राम स्वराज अभियान के तहते यूपी के जिलों का दौरा कर रहे हैं. वे सूबे की जमीनी हकीकत को जानने और लोगों का नजरिया समझने के लिए गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों के साथ रू-ब-रू हो रहे हैं. इतना ही नहीं दलित के घर खाना खाते हैं और गांव में ही रात्रि विश्राम करते है.
सीएम योगी ने सोमवार को प्रतापगढ़ के मधुपुर गांव में दलित परिवार दयाराम सरोज के घर खाना खाया, जिसकी खूब चर्चा हुई. लेकिन इसी खाने के दौरान योगी की मंत्री स्वाति सिंह का रोटी बनाए जाने का मुद्दे को बीएसपी ने पकड़ लिया है और हवा देनी शुरू कर दी है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इसे नाटक करार देते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ ने भले ही दलित के घर खाना खाया हो लेकिन रोटी तो स्वाति सिंह के हाथ की बनी ही खाई.
योगी के लिए स्वाति सिंह ने बनाई रोटी
बता दें कि स्वाति सिंह ठाकुर जाति से आती हैं और दलित परिवार दयाराम सरोज के रसोई में बैठकर योगी आदित्यनाथ के लिए रोटी बनाई थी. स्वाति सिंह प्रतापगढ़ की प्रभारी मंत्री हैं. ऐसे में उनके रोटी बनाने की फोटो सार्वजिनक हुई, जिसे बीएसपी ने अलग रंग देने में जुटी है. बसपा इसे मुद्दे के बहाने बीजेपी के दलित प्रेम को नाटक बताने में जुट गई है.
'दलित के घर खाना खाएं और बनाएंगे'
बीजेपी प्रवक्ता डॉ चंद्रमोहन कहते हैं कि बीजेपी के दलितों के चौखट और चूल्हे तक पंहुचने से बीएसपी बौखला गई हैं. उनका कहना है कि दलित समाज हमारे लिए सबका साथ सबका विकास का सबसे अहम हिस्सा है. इसलिए उनकी सोच उन्हें मुबारक हमारे नेता ना सिर्फ दलितों के घर खाना खाएंगे बल्कि हमारे नेता उनके रसोई में जाकर खाना भी बनाएंगे.
स्वाति सिंह ऐसे आई थी चर्चा में
गौरतलब है कि स्वाति सिंह योगी सरकार में मंत्री हैं. 2016 में स्वाति सिंह तब चर्चा में आई थी जब अपने पति दयाशंकर सिंह के बिगड़े बोल पर तत्कालीन बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के द्वारा विवादित बयान के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोल दिया था. बसपा के खिलाफ एक आंदोलन का स्वरूप मिला था और तभी स्वाति सिंह की चर्चा भी हुई.
बीजेपी ने इसी के बाद ही स्वाति सिंह को पार्टी के महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने टिकट दिया तो स्वाति सिंह चुनाव जीतकर विधायक बनी. मौजूदा समय में योगी सरकार में मंत्री हैं.