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200 साल बाद फिर खुलेगा UP का अफीम कारखाना

देर से ही सही, केंद्र सरकार को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में वर्ष 1820 में स्थापित हुए अफीम कारखाने की याद आई है. इस कारखाने को देश का सबसे पुराना अफीम कारखाना होने का तमगा हासिल है. खस्ताहाल हालत में पड़ा यह कारखाना छह करोड़ रुपये की मदद से अब जी उठेगा और औरों को भी जीवंत करेगा. इस कारखाने में जीवन रक्षक दवाएं बनेंगी.

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Ghazipur Opium Factory
Ghazipur Opium Factory

देर से ही सही, केंद्र सरकार को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में वर्ष 1820 में स्थापित हुए अफीम कारखाने की याद आई है. इस कारखाने को देश का सबसे पुराना अफीम कारखाना होने का तमगा हासिल है. खस्ताहाल हालत में पड़ा यह कारखाना छह करोड़ रुपये की मदद से अब जी उठेगा और औरों को भी जीवंत करेगा. इस कारखाने में जीवन रक्षक दवाएं बनेंगी.

लगभग 200 वर्ष पुराने इस अफीम कारखाने (राजकीय क्षारोद कारखाना) के अच्छे दिन आने वाले हैं. पूर्वांचल को केंद्र सरकार से सीधे तौर पर अब तक भले ही कुछ न मिला हो, लेकिन कायाकल्प योजना के तहत अब इस कारखाने के जरिए हर वर्ष लाखों जिंदगियों को बचाने का श्रेय केंद्र सरकार को मिल सकता है.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, नीमच के बाद देश में गाजीपुर में ही यह दूसरा कारखाना है, जिसमें लाइलाज बीमारियों से पीड़ित लोगों को राहत देने वाली दवाओं के इनग्रेडिएंट (मिश्रित वस्तु का अंश) को यहां तैयार किया जाएगा.

कारखाने के प्रभारी प्रबंधक परिमल बनर्जी के मुताबिक, 'कायाकल्प योजना के लिए वित्त मंत्रालय ने छह करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. इस धन से जंग लगी मशीनों की जगह नए संयंत्र लगाए जाएंगे.'

परिमल बनर्जी के मुताबिक, इस कारखाने में खांसी की दवाओं से लेकर एनाल्जेसिक और तमाम जीवन रक्षक दवाएं बनाने के लिए जरूरी कोडीन, नास्कैफीन, डायरिन और थेबेन जैसे दर्जनभर से ज्यादा इंग्रेडिएंट तैयार होंगे.

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अफीम से लेकर मारफीन तक का उत्पादन किया जाएगा और फिर उसके इंग्रेडिएंट तैयार किए जाएंगे. नया संयंत्र लगाने के लिए अप्रैल से तीन महीने के लिए फैक्ट्री बंद कर दी जाएगी. इसके बाद चालू होने पर तीन शिफ्टों में बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की तैयारी की गई है.

यह अफीम फैक्ट्री लगभग 64 एकड़ में फैली हुई है. नया संयंत्र लगाने से यहां 80 से 100 मिट्रिक टन क्रूड ओपीएम का उत्पादन हो सकेगा. कच्चे तेल की आपूर्ति राजस्थान और अन्य इलाकों से होने की वजह से वहां पोस्ता की खेती और अधिक बढ़ाने पर विचार चल रहा है.

अफीम कारखाने के महाप्रबंधक ए. के. सक्सेना के मुताबिक, 'अफीम कारखाने का कायाकल्प किया जाएगा. केंद्र सरकार से यहां उत्पादन बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है. केंद्र के दिशानिर्देश पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा.'

उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व कारखाने से पांच क्विंटल अफीम की चोरी की वजह से नए सिरे से सुरक्षा की रूपरेखा तैयार की गई है. कारखाने के बाहर तैनात सीआईएसएफ कर्मियों की संख्या में और इजाफा किया जाएगा और अंदर की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चार दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. साथ ही नजर रखने वाले टावरों की संख्या में इजाफा किया जाएगा.

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- इनपुट IANS

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