तालिबान हक़ीक़त में भी ज़हर के सौदागर हैं. अफ़ीम और हेरोइन की तस्करी से वो चला रहे हैं आतंक का कारोबार. दूसरों के गुनाहों का हिसाब किताब लेने वाले इन तालिबानियों का कारोबार ख़ुद गुनाह से शुरू होता है.