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कौन हैं विद्या चरण शुक्ल?

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्या चरण शुक्ल का जन्म 2 अगस्त, 1929 को रायपुर में हुआ. उनके पिता पंडित रविशंकर शुक्ल वकील, स्वतंत्रता सेनानी, अनुभवी कांग्रेसी नेता और पुनर्गठित मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे.

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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विद्या चरण शुक्ल का जन्म 2 अगस्त, 1929 को रायपुर में हुआ. उनके पिता पंडित रविशंकर शुक्ल वकील, स्वतंत्रता सेनानी, अनुभवी कांग्रेसी नेता और पुनर्गठित मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे.

विद्या चरण शुक्ल ने 1951 में नागपुर के मोरिस कॉलेज से बीए किया. इसके बाद उन्होंने एक कंपनी भी शुरू की जो सफारी और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के एक्सपीडीशन आयोजित करती है. इसके अलावा उन्होंने मैंगनीज और डोलमाइट के खनन का भी काम शुरू किया. 15 फरवरी, 1951 को विद्या चरण शुक्ल की शादी सरला शुक्ल से हुई. उनकी तीन बेटियां है.
कद्दावर नेता
1957 के आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने विद्या चरण शुक्ल को महासमुंद सीट से चुनावी अखाड़े में उतारा. एक बड़े बहुमत के साथ जीत दर्ज कर उन्होंने भारतीय संसद में अपनी जगह बनाई. वह उस वक्त के युवा सांसदों में से एक थे. लगातार नौ लोकसभा चुनावों में जीतकर उन्होंने कांग्रेस पार्टी में अपनी जबरदस्त धाक जमाई.

1966 में जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी, तो उन्होंने विद्या चरण शुक्ल को कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया. राजनीतिक सफर के दौरान उन्हें कई बेहद महत्त्वपूर्ण मंत्रालय मिले जैसे दूरसंचार, गृह, रक्षा, वित्त, योजना, सूचना एवं प्रसारण, विदेश, संसदीय, जल संसाधन.

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आपातकाल (1975 से 1977) के दौरान उन्होंने ही ऑल इंडिया रेडियो पर किशोर कुमार के गाने पर प्रतिबंध लगा दिया था. तब वह सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे. दरअसल किशोर कुमार ने कांग्रेस के लिए गाने से इनकार कर दिया था. इससे नाराज होकर उन्होंने ये सख्त कदम उठाया था.

26 मई, 2013 को कांग्रेस की 'परिवर्तन यात्रा' पर नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर घात लगाकर हमला किया था जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा सहित 27 लोग मारे गए और विद्या चरण शुक्ल एवं 31 अन्य लोग जख्मी हो गए थे. शुक्ल को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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