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टीएमसी, एनसीपी, सीपीआई से छिन सकता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा

इन तीनों पार्टियों को चुनाव आयोग कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी में है. इसमें इनसे पूछा जाएगा कि इनके प्रदर्शन के आधार पर क्यों न इनका राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म कर दिया जाए.

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तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी (IANS)
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी (IANS)

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) से राष्ट्रीय पार्टी का तमगा छिन सकता है. दरअसल, इन तीनों पार्टियों को चुनाव आयोग कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी में है. इसमें इनसे पूछा जाएगा कि इनके प्रदर्शन के आधार पर क्यों न इनका राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म कर दिया जाए.

निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के मुताबिक किसी राजनीतिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा तभी मिलता है जब उसके उम्मीदवार लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार या अधिक राज्यों में कम से कम छह प्रतिशत वोट हासिल करें. ऐसी पार्टी के लोकसभा में भी कम से कम चार सांसद होने चाहिए. साथ ही कुल लोकसभा सीटों की कम से कम दो प्रतिशत सीट होनी चाहिए और इसके उम्मीदवार कम से कम तीन राज्यों से आने चाहिए.

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मौजूदा वक्त में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), बीएसपी, सीपीआई, माकपा, कांग्रेस, एनसीपी और नेशनल पीपल्स पार्टी ऑफ मेघायल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त है.

हालिया लोकसभा चुनाव में एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा का प्रदर्शन इस कसौटी पर अच्छा नहीं माना जा रहा है, इसलिए इन पर राष्ट्रीय दर्जा खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है. भाकपा, बसपा और एनसीपी पर 2014 के चुनाव में भी खतरा मंडराया था लेकिन उस वक्त चुनाव आयोग के नियमों में कुछ संशोधन से ये पार्टियां बच गईं. अब फिर इनके सामने यही संकट खड़ा हो गया है.

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