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जम्मू-कश्मीर के हालात अभी सामान्य नहीं: चिदंबरम

गृह मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात अभी सामान्य नहीं हैं और संभवत: कुछ राजनीतिक दलों के कारण ऐसा है.

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गृह मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात अभी सामान्य नहीं हैं और संभवत: कुछ राजनीतिक दलों के कारण ऐसा है.

अपने मंत्रालय की जुलाई महीने की प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए चिंदबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के हालात अभी सामान्य नहीं हैं. लगातार बंद के आहवान से घाटी में सामान्य जनजीवन अस्त व्यक्त हो गया है.’ उन्होंने इस बात से असहमति जतायी कि पूरी घाटी के हालात खराब हैं.

गृह मंत्री ने कहा कि श्रीनगर और शायद कुछ अन्य इलाकों में अलगाववादी तत्व लोगों को एकत्र करने, पत्थरबाजी करने और बंद का आहवान करने में सफल हुए हैं. चिदंबरम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने सूचित किया है कि घाटी के कई हिस्से सामान्य हैं. ‘भले ही पूरी तरह नहीं लेकिन कुल मिलाकर हालात लगभग सामान्य हैं.’

उन्होंने कहा कि सबसे अधिक आक्रामक हालात श्रीनगर और कुछ अन्य इलाकों के हैं. हमने कुछ उपायों की घोषणा की है, जिनमें नौकरियां मुहैया कराना, आत्मसमर्पण की नीति और मुआवजा देना शामिल है. इन उपायों से हालात सामान्य करने में मदद मिलेगी.’ यह पूछने पर कि क्या हालात खराब होने के पीछे कुछ राजनीतिक दलों का हाथ हो सकता है, चिदंबरम ने कहा, ‘संभवत:’.

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उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर हमारा नजरिया एकदम स्प्ष्ट है. हम पहले दिन से ही कह रहे हैं कि हम सभी समूहों, संगठनों और राजनीतिक दलों से बात करना चाहते हैं. चिदंबरम ने बताया कि उन्होंने कई समूहों और दलों से पूर्व में बातचीत की है लेकिन अब इस प्रक्रिया में कुछ बाधा आयी है. ‘लेकिन हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी बातचीत को प्रोत्साहित करने की बात की है. ‘हमें अपने लोगों से बात करने में कोई आपत्ति नहीं है.’

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