अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा की स्थापना से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. धर्म ध्वजा की स्थापना को भारत के अल्पसंख्यकों और मुस्लिम सांस्कृतिक विरासत के लिए खतरा बताने के पाकिस्तान के बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान के पास दूसरों को उपदेश देने का किसी तरह का नैतिक अधिकार नहीं है. इस दौरान जायसवाल ने पाकिस्तान की कट्टरता, दमन और अपने अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के दागदार रिकॉर्ड का उल्लेख किया.
जायसवाल ने अयोध्या में मंगलवार को हुए धार्मिक समारोह पर पाकिस्तान की टिप्पणी का कड़ा जवाब देते हुए कहा कि हमने उनके बयान देखे हैं और हम उन्हें खारिज करते हैं. कट्टरता, दमन और अपने अल्पसंख्यकों के व्यवस्थित उत्पीड़न के गहरे दागदार इतिहास वाले देश के रूप में पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
पाकिस्तान ने क्या कहा था?
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर धर्म ध्वजा फहराने की घटना को इस्लामोफोबिया और धरोहर का घोर अपमान बताया. पाकिस्तान ने कहा कि यह भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव के एक बड़े पैटर्न और हिंदुत्व की सोच के असर में मुस्लिम सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को जानबूझकर खत्म करने की कोशिशों को दिखाता है.
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपनी बेबुनियाद बयानबाजी जारी रखते हुए देश की सरकार और उस न्यायपालिका पर भी हमला बोला, जिसने राम मंदिर के निर्माण की अनुमति दी थी. उसने इसे भारत के अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया बताया.
पाकिस्तान ने कहा कि जिस जगह पहले बाबरी मस्जिद थी, वहां अब राम मंदिर बनाया गया है. पड़ोसी मुल्क ने दावा किया कि बाबरी मस्जिद कई सदियों पुरानी धार्मिक जगह थी. छह दिसंबर 1992 को इसे भीड़ ने गिरा दिया था.
इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने 22 जनवरी 2024 को हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की भी निंदा की थी. उस समय पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि हम अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की निंदा करते हैं. यह मंदिर बाबरी मस्जिद को तोड़कर बनाया गया है. भारत में बढ़ती हिंदुत्व विचारधारा धार्मिक सद्भाव और क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा है. ऐसा करके भारत मुस्लिमों को दरकिनार करने की कोशिश कर रहा है.
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, नफरत और मुसलमानों पर हमलों पर ध्यान दे. उसने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से कहा कि वे भारत में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया था.