scorecardresearch
 

लाल किले से बोले मनमोहन सिंह, अभी बहुत फासले तय करना बाकी

देश आज गर्व और हर्षोल्लास से 67वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. सुबह 7:30 बजे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लाल किले की प्राचीर से लगातार दसवीं बार तिरंगा फहराया.

Advertisement
X
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

देश आज गर्व और हर्षोल्लास से 67वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. सुबह 7:30 बजे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लाल किले की प्राचीर से लगातार दसवीं बार तिरंगा फहराया.

हिंदी में दिए अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को स्वाधीनता दिवस की बधाई दी और साथ ही उत्तराखंड आपदा पीड़ितों का दर्द भी नहीं भूले.

उन्होंने कहा, 'यह खुशी का दिन जरूर है, लेकिन हमें इस बात का दुख भी है कि उत्तराखंड के लोगों को भारी तबाही का सामना करना पड़ा. हमारी संवेदना और सहानुभूति पीड़ितों के साथ है.'

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि सारा देश उनके साथ है और सरकार बहुत जल्द लोगों के घर दोबारा बसाने और इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने के काम में लगेगी.

पीएम ने आपदा के समय राहत और बचाव के काम के लिए फौज, अर्द्धसैनिक बलों और कर्मचारियों-अधिकारियों की तारीफ की. उन्होंने लोगों की जान बचाते हुए शहीद हुए एयरफोर्स और आईटीबीपी के जवानों को भी श्रद्धांजलि दी.

Advertisement

प्रधानमंत्री ने भाषण की शुरुआत में ही कल हुई पनडुब्बी दुर्घटना पर दुख जताया. उन्होंने कहा, 'हमें सिंधुरक्षक को खोने का भी दुख है. हादसे में 18 बहादुर जवानों के शहीद होने की आशंका है.'

इसके बाद प्रधानमंत्री ने इतिहास के कुछ पन्ने पलटे और आजादी के बाद से लेकर अब तक भारत की कामयाबियां गिनाईं.

इससे पहले बुधवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि स्वतंत्रता दिवस पर जनता उनके और प्रधानमंत्री के भाषण की तुलना करेगी.

मोदी ने कहा था, '15 अगस्त को देश की जनता दो भाषण सुनेगी. मैं भुज के लालन कॉलेज में भाषण दूंगा और दूसरा भाषण लाल किला पर दिया जाएगा. इसके बाद देश मेरे और पीएम के भाषण की तुलना करेगा. तुलना होगी वादा बनाम काम पर. तुलना होगी निराशा बनाम आशा पर.'

मनमोहन सिंह के भाषण के प्रमुख अंश
-1947 के बाद देश में बड़ा बदलाव आया
-इंदिरा गांधी ने देश को आत्मविश्वास, लोकतंत्र को बहुत मजबूती मिली
-यूपीए सरकार में युवाओं को रोजगार के नये आयाम मिले
-पिछले 10 साल देश के लिए बदलाव का दशक रहा
-यूपीए सरकार ने देश के नागरिकों का खाने का अधिकार दिया
-खाद्य सुरक्षा बिल जल्द पास होगा
-बिल से 81 करोड़ भारतीयों को सस्ता अनाज मिलेगा
-ग्रामीण इलाकों में भी आ रही है खुशहाली
-मनरेगा की बदौलत करोड़ों लोगों को रोजगार मिला
-शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा सुधार, पिछले 9 सालों में दोगुनी हुई छात्रों की संख्या
-मिड डे मील परियोजना में सुधार की जरूरत
-बिहार मिडे डे मील हादसा फिर कभी ना हो
-2004 के बाद गरीबी घटी है, गरीबी दर का मापना मुश्किल काम
-2 लाख किलोमीटर नई सड़कें बनाई गई, 47 हजार किलोमीटर का हाईवे बनाया
-40 हवाई अड्डे बनाए गए या फिर उनका नवीनीकरण हुआ
-स्वास्थ्य सेवाएं पहले से बेहतर हुईं, और सुधार जरूरी
-देश के 73 फीसदी लोगों के पास टेलीफोन कनेक्शन
-सरहद पर हमारे जवानों पर कायराना हमला
-राष्ट्रीय सुरक्षा पर सावधानी बरतने की जरूरत
-देश में सांप्रदायिकता की गुंजाइश नहीं, हमें इसे रोकना होगा
-लोकसभा में लोकपाल बिल पास, राज्यसभा में पास होना बाकी
-अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं
-आदिवासियों के विकास के लिए कमेटी बनाई

Advertisement
Advertisement